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ज्योतिषाचार्य डॉ. साकेत पाठक ने साझा की शारदीय नवरात्र पूजन की संपूर्ण रूपरेखा, जानिए हर दिन का महत्व

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समाजिक

 

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आस्था, श्रद्धा और भक्ति का पर्व शारदीय नवरात्र इस वर्ष विशेष संयोग लेकर आया है। पूरे नगर में देवी के जयकारों से वातावरण गूंजने लगा है। मंदिरों, पूजा पंडालों और घरों में मातृशक्ति की आराधना का अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है। इस पावन अवसर पर ज्योतिषाचार्य सह शिक्षाविद् डॉ. साकेत कुमार पाठक ने शारदीय दुर्गा पूजन की संपूर्ण रूपरेखा साझा की और बताया कि प्रत्येक दिन का पूजन अपने विशेष महत्व और फलदायी प्रभाव के लिए जाना जाता है।

 

डॉ साकेत कुमार पाठक ज्योतिषाचार्य एवं शिक्षाविद ग्राम+पत्रालय -खम्भवा, टाटीझरिया, हज़ारीबाग चलभाष-7992410277
डॉ साकेत कुमार पाठक
ज्योतिषाचार्य एवं शिक्षाविद
ग्राम+पत्रालय -खम्भवा, टाटीझरिया, हज़ारीबाग
चलभाष-7992410277

 

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डॉ. पाठक ने बताया कि पूजा का शुभारंभ 28 सितंबर 2025, रविवार को षष्ठी पूजन एवं माँ कात्यायनी की आराधना से होगा। उन्होंने कहा कि यह दिन साधना और तपस्या को सिद्ध करने वाला है तथा भक्तों को शक्ति और धैर्य प्रदान करने वाला होगा।

 

 

 

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29 सितंबर, सोमवार को नव पत्रिका प्रवेश के साथ सप्तमी पूजन संपन्न होगा। इस दिन माँ कालरात्रि की उपासना विशेष महत्व रखती है। संध्या बेला में भोग अर्पित कर आरती की जाएगी। माना जाता है कि इस दिन की पूजा से जीवन में भय और बाधाओं का अंत होता है

 

 

30 सितंबर, मंगलवार को महाष्टमी पूजन और माँ गौरी पूजन का आयोजन होगा। अपराह्न 01:45 बजे संधि पूजा का विशेष विधान रहेगा। डॉ. पाठक ने कहा कि यह समय अत्यंत शुभ और दुर्लभ संयोग वाला होगा। संधि काल में किया गया पूजन जीवन के समस्त संकटों को दूर कर देता है। इसके पश्चात भक्तों के लिए भोग और विशेष आरती की व्यवस्था होगी।

 

 

 

1 अक्टूबर, बुधवार को महानवमी पूजन संपन्न होगा, जहाँ माँ सिद्धिदात्री की उपासना की जाएगी। इसी दिन हवन का आयोजन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता होगी। डॉ. पाठक ने कहा कि हवन से वातावरण शुद्ध होता है और साधकों को आत्मबल व शांति की प्राप्ति होती है।

 

 

 

वहीं 2 अक्टूबर, गुरुवार को नवरात्र का समापन माँ अपराजिता पूजन के साथ होगा। इस दिन नीलकंठ दर्शन, जयंती ग्रहण और क्षमा प्रार्थना की परंपरा निभाई जाएगी। इसके उपरांत प्रतिमा विसर्जन का आयोजन होगा, जहाँ भक्त माँ को विदा कर अगले वर्ष पुनः आने की मंगलकामना करेंगे।

 

 

 

डॉ. पाठक ने कहा कि नवरात्र का प्रत्येक दिन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन की सकारात्मकता और आत्मशक्ति को जगाने का माध्यम है। उन्होंने भक्तों से अपील की कि वे पूरे श्रद्धा भाव से माँ दुर्गा की साधना करें, क्योंकि यही साधना जीवन को सुख, शांति और समृ

द्धि की ओर अग्रसर करती है।

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राज्य प्रमुख
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हंसराज चौरसिया स्वतंत्र स्तंभकार और पत्रकार हैं, जो 2017 से सक्रिय रूप से पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी शुरुआत स्वतंत्र प्रभात से की और वर्तमान में झारखंड दर्शन, खबर मन्त्र, स्वतंत्र प्रभात, अमर भास्कर, झारखंड न्यूज़24 और क्राफ्ट समाचार में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। साथ ही झारखंड न्यूज़24 में राज्य प्रमुख की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। रांची विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर (2024–26) कर रहे हंसराज का मानना है कि पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, बल्कि समाज की आवाज़ को व्यवस्था तक पहुंचाने का सार्वजनिक दायित्व है। उन्होंने राजनीतिक संवाद और मीडिया प्रचार में भी अनुभव हासिल किया है। हजारीबाग ज़िले के बरगड्डा गाँव से आने वाले हंसराज वर्तमान में रांची में रहते हैं और लगातार सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक विमर्श और जन मुद्दों पर लिख रहे हैं।
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