WhatsApp Group Join Now
सेन्ट्रल डेस्क-
टोक्यो की धरती पर गूँजी पुकार,
भारत-जापान का हुआ नया संचार।
दिल्ली से टोक्यो, वाराणसी से क्योटो,
सभ्यताओं का संगम बना अनुपम फोटो।
इतिहास की गहराई, भविष्य का रंग,
दोस्ती की राह पर कदमों का संग।
तकनीक मिले जब युवा उमंगों से,
नवाचार झरेगा सपनों की तरंगों से।

राज्य और प्रान्त अब हाथ मिलाएँ,
जन-जन के रिश्ते नए दीप जलाएँ।
व्यापार, शिक्षा, संस्कृति का संगम,
शांति का संदेश बनेगा आलम।
गंगा की धार क्योटो तक जाए,
बुद्ध की करुणा समुराई गुनगुनाए।
युवाओं की शक्ति, जापान का विज्ञान,
मिलकर रचेंगे एशिया का नया गगन।

स्तंभकार
यह सिर्फ समझौता नहीं,
यह दोस्ती का गीत है,
यह सिर्फ निवेश नहीं,
यह मानवता का मीत है।
भारत-जापान की ये उड़ान,
ले जाएगी ऊँचाइयों की ओर,
भविष्य की रचना होगी नई,
एशिया गाएगा शांति का कोर।