रांची-
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने राज्य में सड़क हादसों और अपराधों को लेकर अपनी गंभीर चिंता जाहिर की है। जुलाई 2025 में केवल राज्यभर में ही 280 लोग सड़क हादसों का शिकार हो चुके हैं, जो कि एक बेहद भयावह स्थिति की ओर इशारा करता है। राजधानी रांची में जुलाई महीने में सबसे अधिक 39 लोगों की मौत हुई, जबकि हजारीबाग में 28, सरायकेला में 26, दुमका में 21 और गिरिडीह में 19 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित बैठक में आईजी अभियान डॉक्टर माइकल राज ने बताया कि सड़क हादसों की संख्या और मृत्यु दर को कम करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें सड़क सुरक्षा अभियान, ट्रैफिक सुधार, स्कूल-कॉलेज और शहर-बाजार में जागरुकता कार्यक्रम, तथा दुर्घटना आंकड़ों का विश्लेषण शामिल है। सड़क सुरक्षा जागरूकता के तहत जुलाई माह में 94,823 लोगों को जागरूक किया गया, 267 पुलिस कर्मियों को फर्स्ट एड किट का प्रशिक्षण दिया गया, 288 पुलिस कर्मियों के मोबाइल में GPS Map Camera Lite App इंस्टॉल किया गया और 1,284 कर्मियों को eDAR और iRAD का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सड़कों पर नियमों के उल्लंघन के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की गई। जुलाई में बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले 1,21,950 चालकों पर, बिना लाइसेंस के 2,499 चालकों पर, तेज गति से वाहन चलाने वाले 2,515 चालकों पर, लाल बत्ती पार करने वाले 1,776 चालकों पर और मोबाइल फोन का प्रयोग करने वाले 276 चालकों पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा गलत दिशा में वाहन चलाने वाले 220, नशे में वाहन चलाने वाले 185 और सीट बेल्ट न लगाने वाले 1,585 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई। दोपहिया वाहन पर पीछे बैठे यात्री द्वारा हेलमेट न पहनने पर 2,093 चालकों को दंडित किया गया। सड़क सुरक्षा अभियान के साथ ही पुलिस ने जुलाई में नक्सलियों के खिलाफ भी सक्रिय कार्रवाई की। राज्य में नक्सलियों से कुल 10 हथियार, 544 गोलियां, 18,020 डेटोनेटर और 35,02,500 रुपये की लेवी राशि बरामद की गई। साथ ही 5 बंकर ध्वस्त किए गए और 95 आईईडी बरामद कर निष्क्रिय किए गए। जुलाई में कुल 28 नक्सली गिरफ्तार किए गए, जिनमें जेजेएमपी के एरिया कमांडर प्रवीण एक्का और सब-जोनल कमांडर लवलेश गंझू शामिल हैं। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में कुल चार नक्सली मारे गए। अपराध नियंत्रण में भी पुलिस सक्रिय रही। जुलाई में कुल 7,298 वारंट निष्पादित किए गए, 2,333 गिरफ्तारियां हुईं, 171 वाहनों और 82 हथियारों की जब्ती की गई तथा 354 गोलियां बरामद की गई। साइबर अपराध के खिलाफ भी कार्रवाई की गई, जिसमें 108 मामले दर्ज किए गए और 38 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। कुल 1,82,000 रुपये जब्त किए गए, और 2.19 करोड़ रुपये फ्रीज कर अदालत के माध्यम से 32,27,378 रुपये वादी के बैंक खाते में वापस कराए गए। प्रतिबिंब ऐप के माध्यम से 11 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और उनके 11 मोबाइल व 11 सिम कार्ड जब्त किए गए। आईजी अभियान माइकल राज ने बताया कि सड़क सुरक्षा, नक्सली गतिविधियों और साइबर अपराध पर निगरानी के लिए पुलिस लगातार नई तकनीक और प्रशिक्षण का इस्तेमाल कर रही है। उनका कहना था कि कानून का पालन करवाना और लोगों को जागरूक करना दोनों ही बराबर महत्वपूर्ण हैं। राज्य की जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा।