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धनबाद में गूंजा न्याय का स्वर, कैंडल मार्च में छलका पूर्णिमा नीरज सिंह का दर्द

हंसराज चौरसिया
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धनबाद-

हुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड को लेकर न्याय की लड़ाई एक बार फिर सड़कों पर दिखाई दी। सोमवार की शाम जस्टिस फॉर नीरज संगठन के आह्वान पर हजारों लोग मोमबत्तियाँ लेकर सड़क पर उतरे। जिला परिषद कार्यालय से शुरू हुआ यह कैंडल मार्च रणधीर वर्मा चौक तक पहुँचा, जहाँ पूरे माहौल में एक ही आवाज गूंज रही थी नीरज सिंह को न्याय दो। मार्च की अगुवाई झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कर रही थीं। समर्थकों के बीच खड़े होकर जब उन्होंने अपने पति को याद किया, तो उनकी आँखें नम हो उठीं और स्वर भर्रा गया। उन्होंने भावुक होकर कहा मैं आखिरी सांस तक अपने पति नीरज सिंह के लिए न्याय की लड़ाई लड़ती रहूंगी। यह संघर्ष केवल मेरा व्यक्तिगत संघर्ष नहीं है, बल्कि पूरे धनबाद की आत्मा की पुकार है। रणधीर वर्मा चौक पर पहुँचने के बाद लोगों ने मोमबत्तियाँ जलाकर नीरज सिंह को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान न्याय की मांग करते नारों से शहर की गलियाँ गूंज उठीं। उपस्थित लोगों ने कहा कि नीरज सिंह की हत्या केवल एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि पूरे धनबाद की अस्मिता पर गहरा आघात है। समर्थकों ने संकल्प लिया कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा। आक्रोश और भावनाओं से भरे इस कैंडल मार्च ने यह संदेश दिया कि न्याय की लौ बुझने नहीं दी जाएगी और नीरज सिंह की यादें हमेशा जनता के दिलों में जीवित रहेंगी।

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राज्य प्रमुख
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हंसराज चौरसिया स्वतंत्र स्तंभकार और पत्रकार हैं, जो 2017 से सक्रिय रूप से पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी शुरुआत स्वतंत्र प्रभात से की और वर्तमान में झारखंड दर्शन, खबर मन्त्र, स्वतंत्र प्रभात, अमर भास्कर, झारखंड न्यूज़24 और क्राफ्ट समाचार में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। साथ ही झारखंड न्यूज़24 में राज्य प्रमुख की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। रांची विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर (2024–26) कर रहे हंसराज का मानना है कि पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, बल्कि समाज की आवाज़ को व्यवस्था तक पहुंचाने का सार्वजनिक दायित्व है। उन्होंने राजनीतिक संवाद और मीडिया प्रचार में भी अनुभव हासिल किया है। हजारीबाग ज़िले के बरगड्डा गाँव से आने वाले हंसराज वर्तमान में रांची में रहते हैं और लगातार सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक विमर्श और जन मुद्दों पर लिख रहे हैं।
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