रांची-
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मंगलवार को झारखंड मंत्रालय सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण एवं मेधा सम्मान समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धताओं को विस्तार से साझा किया। इस अवसर पर 975 नवनियुक्त स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों, सहायक आचार्यों और प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार नीतिगत और प्रशासनिक सुधार किए जा रहे हैं। उनका कहना था कि सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों की तरह विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध हो सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय को को-एजुकेशन बनाने की घोषणा की। अब इस विद्यालय में लड़कियों का नामांकन भी होगा। इसके साथ ही उन्होंने नेतरहाट मॉडल पर तीन और विद्यालय खोलने की योजना का भी खुलासा किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय अब सीबीएसई से संबद्ध है और अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रहा है, जिससे सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी किसी भी मामले में निजी स्कूलों के छात्रों से पीछे न रहें। समारोह में शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। जैक, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के टॉपर्स को तीन लाख रुपये की सम्मान राशि, लैपटॉप और स्मार्टफोन प्रदान किए गए। जैक बोर्ड के टॉपर्स को स्कूटी भी भेंट की गई। वहीं, मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों के टॉपर्स को लैपटॉप और प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा संचालित आकांक्षा कोचिंग के सफल विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बोर्ड परीक्षा के टॉपर्स को सम्मान राशि रिजल्ट के तुरंत बाद उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई में आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। उन्होंने गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का भी उल्लेख किया, जिसके तहत विद्यार्थियों को बिना किसी गारंटी के 15 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण प्रदान किया जाएगा। सरकार की ओर से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना और झारखंड ई-शिक्षा महोत्सव 2025 का भी शुभारंभ किया गया। साथ ही, शत-प्रतिशत रिजल्ट देने वाले विद्यालयों और स्वर्ण श्रेणी में प्रमाणित विद्यालयों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मंत्री संजय प्रसाद यादव, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह एवं राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन उपस्थित थे।