नई दिल्ली-
देश में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इस दौरान शांति बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में हथियारों के लाइसेंस की सूची को अपडेट करने और हथियारों के दुरुपयोग को रोकने के लिए अस्थायी जब्ती की सिफारिश की गई है। साथ ही, पुलिस को यह निर्देश भी दिया गया है कि चुनाव से पहले और दौरान मिलने वाली शिकायतों का त्वरित निवारण किया जाए, ताकि किसी भी विवाद को बढ़ने से रोका जा सके। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भले ही भारत में मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गुप्त मतदान की व्यवस्था है, फिर भी चुनावों में हिंसक घटनाएं हुई हैं, जिससे मतदाता और उम्मीदवार दोनों प्रभावित होते हैं। विशेष रूप से स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव विधानसभा या संसद के चुनावों की तुलना में हिंसा के लिए अधिक संवेदनशील माने जाते हैं। स्थानीय मुद्दे अधिक दबाव के साथ सामने आते हैं और पिछले वर्षों के चुनावों ने कई गंभीर विवादों और हिंसक घटनाओं की विरासत छोड़ी है। चुनावों से पहले राजनीतिक दल और उम्मीदवार जाति, धर्म, भाषा और जातीयता के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रचार शुरू कर देते हैं। यह सामान्य नागरिकों में आक्रोश भड़काने के साथ ही सड़क पर प्रदर्शन, हड़ताल और विरोध-सभा जैसी गतिविधियों के कारण शांति भंग कर सकता है। इसके अलावा, हाल के वर्षों में कट्टर सांप्रदायिक राजनीति और सामूहिक वोट जुटाने की रणनीतियों ने मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण बढ़ाया है। पुलिस के कर्तव्यों में जनसभाओं और जुलूसों में व्यवस्था बनाए रखना, उम्मीदवारों और वीआईपी की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखना और खुफिया जानकारी जुटाना शामिल है। मतदान केंद्रों की सुरक्षा और उनकी उपयुक्तता सुनिश्चित करना भी पुलिस की जिम्मेदारी होगी। बीपीआरएंडडी ने कहा है कि चुनाव के दौरान और उसके बाद भीड़ नियंत्रण, ईवीएम की सुरक्षा और विजय जुलूसों के समय पर्याप्त पुलिस बल तैनात करना जरूरी है। मैनपावर की तैयारी के लिए पुलिस थानों के अधिकांश स्टाफ को वापस बुलाया जाएगा और केवल आवश्यक कर्मचारियों को तैनात रखा जाएगा। अतिरिक्त बल की पूर्ति होमगार्ड, ग्राम चौकीदार और अर्धसैनिक बलों से की जाएगी। सभी छुट्टियां रद्द कर दी जाएंगी और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बल समय पर उपलब्ध कराया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश भर के पुलिस बलों को यह दिशानिर्देश भेज दिए गए हैं ताकि वे चुनाव से पहले सभी सुरक्षा उपाय लागू कर सकें और शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो सके।