झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा झटका, रिम्स अस्पताल में लापरवाही और भ्रष्टाचार का सनसनीखेज खुलासा
डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त, वेंटिलेटर महीनों से बेकार पड़े, स्वास्थ्य मंत्री ने दी सख्त चेतावनी
रांची-
राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान), रांची में स्वास्थ्य तंत्र की घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार का सनसनीखेज खुलासा रिम्स शासी परिषद की बैठक में हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने स्पष्ट कहा कि यह व्यवस्था यथावत नहीं चलने दी जाएगी। उन्होंने कड़े निर्देश जारी करते हुए कहा कि रिम्स को देश का सबसे बेहतरीन चिकित्सा संस्थान बनाने के लिए सभी स्तर पर बदलाव अनिवार्य हैं।
बैठक में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सरकारी डॉक्टर सरकारी ड्यूटी के दौरान अपने निजी क्लीनिक चला रहे थे और मरीजों से अवैध रूप से वसूली कर रहे थे। यह घोर भ्रष्टाचार स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की पूरी साख पर सवाल खड़ा करता है। डॉ. इरफान अंसारी ने इसे गंभीर अपराध बताया और ऐसे डॉक्टरों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया।
वहीं सबसे बड़ी सनसनी तब बनी जब ट्रॉमा सेंटर में कई वेंटिलेटर महीनों से खराब पड़े होने का खुलासा हुआ। यह केंद्र गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाने के लिए है, लेकिन वेंटिलेटर की खराब स्थिति ने प्रशासन की लापरवाही को बखूबी उजागर किया। मंत्री ने निदेशक को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए और साफ कहा कि अब रिम्स में गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
MRI मशीन की खरीद में हो रही वर्षों पुरानी देरी को भी लेकर मंत्री ने त्वरित आदेश जारी किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जरूरी मशीनें अब और नहीं रुकींगी ताकि जांच सुविधाएं मरीजों तक समय से पहुंचें। साथ ही, अस्पताल के बिल्डिंग मरम्मत, साफ-सफाई व्यवस्था और रखरखाव को प्राथमिकता देने का निर्देश भी स्वास्थ्य मंत्री ने दिया।
अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बैठक को ऐतिहासिक बताया और भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में रिम्स में व्यापक सुधार दिखने को मिलेगा। बैठक में विधायक सुरेश कुमार बैठा, वित्त सचिव, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, रिनपास निदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया कि अगली बैठक 9 अक्टूबर 2025 को होगी, जिसमें बाकी प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा कर अंतिम कार्रवाई होगी।
यह खुलासा स्वास्थ्य जगत के साथ-साथ आम जनता के लिए भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है क्या झारखंड सरकार वादों को हकीकत में बदल पाएगी, या यह केवल आधिकारिक घोषणाओं का भाग बनेगा? रिम्स की सुधरती तस्वीर पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

