बरही अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे एसडीओ, वार्डेन व बच्चियों से ली घटना की जानकारी
बरही-
बरही प्रखंड अंतर्गत बरसोत पंचायत स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका उच्च विद्यालय में मंगलवार देर रात विद्यालय की 14 छात्राएं भूंजा हुआ चूड़ा खाने के बाद अचानक बीमार हो गईं। सभी बच्चियों को पेट दर्द की शिकायत पर उन्हें बरही अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां देर रात तक उनका इलाज चलता रहा। बच्चियों की स्थिति स्थिर था। घटना की सूचना मिलते ही विधायक प्रतिनिधि रमेश ठाकुर पहुंचे और बच्चियों के हालत को देख इसकी सूचना बरही विधायक मनोज कुमार यादव को दी।
माननीय विधायक ने घटना को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत उपायुक्त हज़ारीबाग से की। जिसके बाद बरही एसडीओ जोहन टुडू अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे और बीमार बच्चियों व प्रभारी वार्डन रौशनी बाड़ा से पूरे मामले की जानकारी प्राप्त की। बीमार हुई बच्चियों में सोनम कुमारी कक्षा 6, शिवानी कुमारी कक्षा 6, डोली कुमारी कक्षा 7, दिव्या कुमारी कक्षा 7, वर्षा कुमारी कक्षा 6, शिवानी कुमारी कक्षा 7, प्रियांशु कुमारी कक्षा 8, सुप्रिया कुमारी कक्षा 7, विद्या कुमारी कक्षा 6, मनीषा कुमारी कक्षा 7, रिया भारती कक्षा 6 और सीमा कुमारी कक्षा 6 शामिल हैं। छात्राओं ने बताया कि उन्हें शाम के नाश्ते में भूंजा हुआ चूड़ा और बादाम दिया गया था, जिसमें कीड़े पाए गए। कुछ बच्चियों का कहना था कि विद्यालय में अक्सर समय पर भोजन नहीं मिलता है और मीनू के अनुसार भी खाना नहीं दिया जाता है।
इधर घटना की जानकारी मिलने पर विद्यालय की अध्यक्षा मालती देवी अनुमंडलीय अस्पताल पहुंची और वार्डन रोशनी बाड़ा पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बच्चियों को नियमित भोजन नहीं दिया जाता है और राशन की भी कमी बताई जाती है। अध्यक्षा के अनुसार वार्डन मनमानी तरीके से विद्यालय का संचालन कर रही हैं। बरसोत मुखिया मोतीलाल चौधरी ने भी विद्यालय प्रबंधन की खामियों को उजागर करते हुए कहा कि एसएमसी की बैठकें समय पर नहीं होतीं है और सूचना सभी सदस्यों तक नहीं पहुंचाई जाती। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों से विद्यालय की व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित है और वार्डन की लापरवाही के कारण बच्चियों की जान पर बन आई। इधर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सह विधायक प्रतिनिधि रमेश ठाकुर भी अस्पताल पहुंचे और बच्चियों के इलाज में सहयोग किया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि पिछले एक-डेढ़ वर्षों से इस विद्यालय में कई अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों से वार्ता कर जांच की मांग की है। देर रात अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे अभिभावकों ने भी वार्डन पर गंभीर आरोप लगाए और तत्काल उन्हें हटाने की मांग की। उनका कहना है कि विद्यालय की बदइंतजामी का खामियाजा बच्चियों को भुगतना पड़ रहा है। इधर प्रभारी वार्डन रौशनी बाड़ा ने स्वीकार किया कि शाम को बच्चियों को नाश्ते में भूंजा हुआ चूड़ा दिया गया था, जिसके बाद कुछ छात्राओं को पेट दर्द की शिकायत हुई। उन्होंने बताया कि चूड़ा सप्लायर के माध्यम से विद्यालय में उपलब्ध कराया जाता है।
गौरतलब है कि कस्तूरबा बालिका उच्च विद्यालय में कुल 412 छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस घटना के बाद विद्यालय की व्यवस्थाओं और भोजन की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। अस्पताल में डीएस डॉ प्रकाश ज्ञानी के देखरेख में सभी बच्चियों का इलाज किया गया। मौके पर विधायक प्रतिनिधि रमेश ठाकुर, मुखिया मोतीलाल चौधरी, बीआरसी बीपीएम अरुण शर्मा, उपमुखिया मनोज उपाध्याय, कस्तूरबा अध्यक्ष मालती देवी, कुलदीप कुमार, टीपू सुलतान, राजेश कुमार यादव समेत अन्य लोग मौजूद थे।

