13,000 करोड़ की ठगी का मास्टरमाइंड अब भारत के शिकंजे में, बेल्जियम कोर्ट ने दिया प्रत्यर्पण का आदेश
सेन्ट्रल डेस्क-
नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी अब भारत के हाथों आने के बेहद करीब हैं। बेल्जियम की एंटवर्प अदालत ने शुक्रवार को चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी और उसकी गिरफ्तारी को कानूनी रूप से वैध ठहराया। यह फैसला नई दिल्ली के लिए एक बड़ी सफलता है और यह संकेत देता है कि चोकसी को भारत लाने की राह अब और आसान हो गई है।
65 वर्षीय चोकसी को 11 अप्रैल को एंटवर्प पुलिस ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर गिरफ्तार किया था। तब से वह बेल्जियम की जेल में बंद है और जमानत पाने के उसके सभी प्रयास असफल रहे। अदालत ने सुनवाई के बाद स्पष्ट किया कि उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण का अनुरोध पूरी तरह वैध है। इस दौरान भारत ने चोकसी द्वारा कथित धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग के ठोस प्रमाण पेश किए, साथ ही यह भी दिखाया कि वह लगातार कानूनी प्रक्रिया से बचने का प्रयास करता रहा है। उसे भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 201, 409, 420, 477ए और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7 और 13 के तहत आरोपी बनाया गया है।
भारत सरकार ने बेल्जियम को आश्वासन दिया है कि प्रत्यर्पित होने पर चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा, जहां उसे यूरोपीय मानकों के अनुरूप सभी सुविधाएँ मिलेंगी। स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त भोजन, चिकित्सा सुविधा, समाचार पत्र और टीवी तक पहुंच, निजी चिकित्सक से इलाज का विकल्प जैसी सुविधाओं के साथ उसे किसी तरह का अकेला या कठोर कारावास नहीं झेलना पड़ेगा।
चोकसी ने अदालत में दावा किया कि उसने 2018 में भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी और एंटिगुआ का नागरिक बन गया है, लेकिन भारत इसे विवादित मानता है। भारतीय जांचकर्ताओं ने चोकसी द्वारा 2018 से 2022 के बीच कथित तौर पर किए गए लगभग 13,000 करोड़ रुपये के छह बैंक धोखाधड़ी के मामले में बेल्जियम के अभियोजकों को दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। अदालत पहले ही मान चुकी है कि उसके बेल्जियम से भागने की संभावना है।

