जलौंध मासूम हत्या कांड में एक आरोपी जेल, बाकी सब घूम रहे है आज़ाद
आखिर क्यों लापरवाही कर रही है इचाक प्रशासन
इचाक
जलौंध गांव में साढ़े तीन वर्षीय मासूम अनुभव कुमार की दर्दनाक मौत मामले में अब भी न्याय की उम्मीद में परिजन भटक रहे हैं। इस हृदय विदारक घटना के 4 दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस की कार्रवाई अधूरी मानी जा रही है। मालूम हो कि बीते गुरुवार को जलौंध निवासी दीपक मेहता के पुत्र अनुभव कुमार का शव गांव में खड़ी एक कार के बोनट में फंसा हुआ मिला था। कार जलौंध के ही अखिलेश कुमार मेहता की थी। प्रशासन ने शुरुआती जांच में अखिलेश को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है, लेकिन बाकी आरोपियों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। परिजनों का आरोप है कि यह कोई साधारण हादसा नहीं बल्कि एक हत्या है। उनका कहना है कि पुलिस जान बूझकर कुछ लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि अगर एक आरोपी को जेल भेजा जा चुका है, तो बाकी संलिप्त लोगों पर कार्रवाई में देरी क्यों की जा रही है?
आज जलौंध गांव में सभी समाज की बैठक हुई जिसमें ग्रामीणों का कहना है कि इचाक थाना प्रशासन निष्पक्ष जांच करने के बजाय मामले को कमजोर करने में लगा हुआ है। पीड़ित परिवार और गांववाले प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो और मासूम अनुभव को न्याय मिले। अगर बाकी आरोपियों को प्रशासन जेल नहीं भेजती है तो हम लोग न्याय हेतु आंदोलन करने पर उतारू होंगे।इधर, पूरे गांव में अब भी शोक और आक्रोश का माहौल है। लोग पूछ रहे हैं. “आखिर दोषियों को क्यों बचा रही है इचाक पुलिस?”
इचाक थाना प्रभारी राजदीप कुमार ने कहा की लगातार आरोपियों के खिलाफ छापामारी की जा रही है। पकड़कर जेल भेजा जाएगा और कठोर कानूनी कारवाई की जाएगी।

