प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा बना श्रद्धा का प्रतीक, दीयों से जगमग परिसर और गगनभेदी जयकारों से गूंजा हजारीबाग
तीसरे दिन भी निकली प्रभात फेरी, जो बोले सो निहाल… सत श्री अकाल के नारों से पूरा शहर हुआ भक्तिमय
हजारीबाग
सिख समुदाय के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को लेकर पूरे हजारीबाग में श्रद्धा और उल्लास का वातावरण चरम पर है। शहर का माहौल भक्ति, प्रेम और एकता की भावना से सराबोर है। मुख्य आयोजन से पूर्व लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रभात फेरी की शुरुआत स्थानीय गुरुद्वारा साहिब से हुई, जो गुरु गोविंद सिंह रोड, कांग्रेस ऑफिस रोड, कालीबाड़ी रोड, बंशी लाल चौक, बस स्टैंड होते हुए पुनः गुरुद्वारे में जाकर संपन्न हुई। पूरे मार्ग में श्रद्धालुओं ने जो बोले सो निहाल… सत श्री अकाल के गगनभेदी जयकारे लगाए, जिससे पूरा शहर भक्तिमय वातावरण में डूब गया। संगत द्वारा पूरे मार्ग में गुरुवाणी कीर्तन किया गया और लंगर सेवा के माध्यम से लोगों को प्रसाद वितरित किया गया। श्रद्धा, सेवा और प्रेम का यह सुंदर संगम देखते ही बन रहा था। इस बीच, प्रकाश पर्व के मुख्य आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। गुरुद्वारा परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है — दीयों, रंगीन झालरों और पुष्प सजावट से पूरा परिसर जगमगा उठा है। गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्यों ने बताया कि इस अवसर पर विशेष दीवान, गुरबाणी पाठ, कथा-कीर्तन और सामूहिक लंगर का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन की खासियत यह है कि इसमें केवल सिख समुदाय ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी शामिल होकर आपसी भाईचारे और एकता का संदेश दे रहे हैं। प्रभात फेरी के माध्यम से पूरे शहर में शांति, सद्भाव और सेवा भावना का संदेश फैलाया जा रहा है। इस आयोजन से जुड़ी जानकारी मीडिया प्रभारी रोहित बजाज ने दी और कहा कि यह पर्व समाज में प्रेम, एकता और मानवता के मूल्यों को मजबूत करने का प्रतीक है।

