सूचना आयोग की निष्क्रियता पर सदर विधायक प्रदीप प्रसाद के सवालों का सरकार ने दिया जवाब
हजारीबाग
हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद द्वारा झारखंड विधानसभा में उठाए गए सूचना आयोग से जुड़े गंभीर प्रश्नों पर सरकार की ओर से विस्तृत जवाब प्रस्तुत किया गया है। विधायक ने विशेष रूप से वर्ष 2020 से सूचना आयोग की सुस्ती, सुनवाई में देरी, नियुक्ति प्रक्रिया में ठहराव और 25 हजार से अधिक लंबित मामलों को लेकर सरकार से स्पष्ट स्थिति जाननी चाही थी। विधायक प्रदीप प्रसाद के सवाल पर सरकार ने कहा है कि झारखंड राज्य सूचना आयोग पूरी तरह कार्यरत है और आवेदकों की ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से प्राप्त अपील और शिकायतों की सुनवाई जारी है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रगति पर है और इस दिशा में विभागीय कार्रवाई चालू है।
नियुक्ति को लेकर पूछे गए सवाल पर विभाग ने जानकारी दी कि विज्ञापन जारी होने के बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, किंतु इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। विधानसभा में विधायक द्वारा उठाए गए उस सवाल पर भी सरकार ने अपनी स्थिति साफ की है, जिसमें आयोग में 25 हजार से अधिक मामले लंबित रहने और इनके शीघ्र निष्पादन की जरूरत पर जोर दिया गया था। सरकार ने कहा कि आयोग की वर्तमान स्थिति स्पष्ट है और मामलों के निस्तारण के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है। यह पूरा उत्तर कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की ओर से 5 दिसंबर 2025 को विधानसभा सचिवालय को भेजा गया। हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने पिछले काफी समय से सूचना आयोग के कार्यों में पारदर्शिता और तेजी की मांग उठाई है, जिसके बाद सरकार ने पहली बार इस विषय पर विस्तृत जवाब विधानसभा पटल पर रखा है।

