किसानों की गैरमजरूआ जमीन पर स्वामित्व का मुद्दा बरही विधायक मनोज यादव ने विधानसभा में उठाया
बरही
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बरही विधायक मनोज कुमार यादव ने किसानों की गैरमजरूआ जमीन से जुड़े अहम मुद्दे को सदन में तारांकित प्रश्न के माध्यम से उठाया। उन्होंने राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के माननीय मंत्री से हजारीबाग जिला सहित पूरे झारखंड राज्य में किसानों की जमीन से संबंधित स्थिति पर जवाब मांगा। विधायक ने प्रश्न के माध्यम से कहा कि झारखंड में किसानों के पूर्वजों द्वारा वर्षों की कड़ी मेहनत से मिट्टी जोत-कोड़ कर कृषि योग्य जमीन का निर्माण किया गया है। इसी जमीन पर खेती कर किसान आजीविका चलाते आ रहे हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सही है कि ऐसे कई गैरमजरूआ भूमि पर किसानों को पूर्व में बंदोबस्ती प्राप्त थी और सरकार द्वारा लगान निर्धारण कर नियमित रूप से लगान रसीद भी जारी की जाती थी। विधायक ने यह भी मुद्दा उठाया कि वर्तमान समय में ऐसी जमीनों पर लगान रसीद का निर्गमन बंद कर दिया गया है, जबकि आज भी किसान उन जमीनों पर कृषि कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने इसे किसान हितों के विरुद्ध बताते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। साथ ही यह प्रश्न भी किया कि यदि उपर्युक्त तथ्य सही हैं, तो क्या सरकार गैरमजरूआ जमीन पर खेती कर रहे किसानों से राजस्व लेकर उन्हें पुनः लगान रसीद एवं स्वामित्व का अधिकार देने का विचार रखती है और यदि हां तो कब तक। इस पर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से स्वीकारात्मक उत्तर दिया गया। सरकार ने स्पष्ट किया कि अवैध जमाबंदी से संबंधित अभिलेखों पर अंतिम आदेश पारित होने तक पूर्व में निर्गत मैनुअल लगान रसीद के आधार पर ऑनलाइन लगान रसीद निर्गत करने के संबंध में विभागीय पत्रांक 2884/रा०, दिनांक 10.07.2018 पहले ही जारी किया जा चुका है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि कंडिका-2 में स्थिति स्पष्ट कर दी गई है और मामले को व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। हालांकि, किसानों को स्थायी स्वामित्व अधिकार देने की समय-सीमा पर कोई स्पष्ट तिथि नहीं बताई गई। इस मुद्दे के सदन में उठने के बाद किसानों में एक बार फिर उम्मीद जगी है कि सरकार जल्द ठोस निर्णय लेकर गैरमजरूआ जमीन पर खेती कर रहे किसानों को उनका अधिकार दिलाएगी।

