आईसेक्ट विश्वविद्यालय में शोध शिखर बाल विज्ञान पर्व 2025 का भव्य आयोजन
नवाचार, हरित तकनीक और सतत विकास पर केंद्रित विज्ञान उत्सव में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की हुई भागीदारी
हजारीबाग
आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग सभागार में बाल विज्ञान पर्व 2025 का सफल और प्रेरणादायी आयोजन किया गया। परिवर्तन के नवाचार : विकसित भारत हेतु हरित तकनीक और सतत विकास की दिशा में कदम, थीम पर आधारित इस विज्ञान उत्सव में जिले के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 600 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया। पंजीकरण कराने वालों में इंटर साइंस कॉलेज, हजारीबाग, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, कुम्हारटोली, संत रॉबर्ट स्कूल, जैक एंड जिल स्कूल, हिंदू प्लस टू स्कूल समेत अन्य स्कूलों के विद्यार्थियों के नाम शामिल हैं। नन्हें वैज्ञानिकों की उत्सुकता, जिज्ञासा और प्रयोगों के माध्यम से प्रस्तुत नवाचारों ने कार्यक्रम को नई ऊर्जा और उमंग से भर दिया।
वर्किंग मॉडल और वैज्ञानिक प्रयोगों ने खींचा ध्यान
विज्ञान उत्सव में बच्चों ने अपने वर्किंग मॉडल, प्रोटोटाइप और प्रयोगों के जरिए समाजोपयोगी तकनीकों का शानदार प्रदर्शन किया। सोलर एनर्जी सिस्टम, वेस्ट मैनेजमेंट, वाटर रीसाइक्लिंग, बायो-कन्सर्वेशन जैसे मॉडल दर्शकों और विशेषज्ञों के केंद्र में रहे। छात्रों की रचनात्मकता और उनकी नई सोंच को सभी ने सराहा।
विश्वविद्यालय पदाधिकारियों ने की प्रतिभाओं की सराहना
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीके नायक ने कहा कि शोध शिखर बाल विज्ञान पर्व हमारे भविष्य के वैज्ञानिकों की पहचान का प्रमुख माध्यम है। विद्यालय स्तर से नवाचार और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना विकसित भारत की मजबूत नींव है।
कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि आज के युवा शोधकर्ता कल की हरित तकनीक और सतत विकास के मार्गदर्शक बनेंगे। छात्रों की सोंच और उनकी मेहनत प्रशंसनीय है। वहीं समकुलपति डॉ गौरव शुक्ला ने कहा कि यह आयोजन स्कूल और विश्वविद्यालय के बीच नवाचार की मजबूत कड़ी तैयार करता है। रिसर्च की उचित दिशा देना ही इसका उद्देश्य है। शोध शिखर बाल विज्ञान पर्व के संयोजक डॉ रितेश कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य छात्रों में वैज्ञानिक सोच, जिज्ञासा और नवाचार की भावना को शुरुआत से ही मजबूत बनाना है। उन्होंने बताया कि यहां चयनित श्रेष्ठ मॉडल वर्ष 2026 के शोधन शिखर विज्ञान पर्व, भोपाल में प्रस्तुत किए जाएंगे।
विभिन्न वर्गों के प्रतिभागियों को मिला सम्मान
बिशाखा बाला, मानसी प्रधान, नेहा सिन्हा व मुकेश कुमार की निर्णायक मंडली ने विजेताओं का चयन किया, जिसमें कक्षा 11वीं श्रेणी में नवनीत, मोजिस तिर्की, मो अनस और रघु की टीम को दुर्घटना से बचाव संबंधी आधुनिक तकनीक के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
अंजली, मानसी कुमारी और दिव्यांग्ना की टीम द्वितीय पुरस्कार की हकदार बनी, जबकि शुभम कुमार, विक्रम कुमार, सागर और सचिन की टीम को तृतीय पुरस्कार मिला। कक्षा 12वीं में अंशु कुमार, मार्शल, शिवानी व अल्का ग्रूप के मॉडल को प्रथम पुरस्कार, प्रीति देव और लक्की राज की टीम को द्वितीय पुरस्कार, तथा राघवन कुमार, दीपक, प्रशांत और अमीत की टीम को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भविष्य के वैज्ञानिकों की नींव
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को कुलपति प्रो पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, समकुलपति डॉ गौरव शुक्ला, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ एस आर रथ व वोकेशनल निदेशक डॉ बिनोद कुमार के हाथों प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय में आयोजित यह विज्ञान पर्व सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि नई शुरुआत है। ऐसी शुरुआत जो आने वाले समय में इन छात्रों को विकसित भारत के वैज्ञानिक नायक के रूप में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। शोध शिखर बाल विज्ञान को सफल बनाने में डॉ रितेश कुमार, राजेश रंजन, सहायक कुलसचिव अमित कुमार, डॉ अजय वर्णवाल, हिमांशु चौधरी, पंकज प्रज्ञा, नेहा सिन्हा, डॉ दीपा गोस्वामी, उदय रंजन, मुकेश कुमार, डॉ माधवी मेहता, रविकांत, डॉ विनय पंजियार, राहुल राजवार, रोहित राणा सहित अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

