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तीन पीढ़ियों की मेहनत, विश्वास और सेवा भाव का प्रतीक बना पारसनाथ भंडार, नए स्वरूप में हुआ भव्य पुनः उद्घाटन

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तीन पीढ़ियों की मेहनत, विश्वास और सेवा भाव का प्रतीक बना पारसनाथ भंडार, नए स्वरूप में हुआ भव्य पुनः उद्घाटन

नए स्वरूप में पारसनाथ भंडार का भव्य पुनः उद्घाटन मैन रोड पर 50 वर्षों से विश्वास और गुणवत्ता की पहचान

हजारीबाग

शहर के मैन रोड पर विगत लगभग पाँच दशकों से अपनी ईमानदारी, गुणवत्ता और ग्राहक संतुष्टि के लिए पहचाना जाने वाला पारसनाथ भंडार सोमवार को नए एवं आधुनिक स्वरूप में पुनः जनता की सेवा में समर्पित हुआ। प्रतिष्ठान के री-ओपनिंग अवसर पर इसके संस्थापक व संचालक डूंगरमल जैन,उनकी धर्मपत्नी चंपा देवी जैन एवं समाजसेवी डॉ सजल मुखर्जी ने विधिवत फीता खींचकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर पूरे परिवार की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया। उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को डूंगरमल जैन के सुपुत्र मुकेश जैन ने बताया कि लगभग 50 वर्ष पूर्व पिता जी द्वारा पारसनाथ भंडार की स्थापना एक छोटे स्तर पर की गई थी। सीमित संसाधनों के बावजूद कठिन परिश्रम, ईमानदारी और ग्राहकों के प्रति समर्पण के बल पर यह प्रतिष्ठान धीरे-धीरे हजारीबाग के भरोसेमंद नामों में शामिल हो गया।

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जिसके बाद बड़े भाई प्रवीण जैन,नवीन जैन ने प्रतिष्ठा का कार्यभार संभाला उसके बाद में पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रतिष्ठान के संचालन की जिम्मेदारी संभाली और पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखते हुए इसे आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक यह दुकान पुराने अंदाज में संचालित होती रही, लेकिन समय के साथ ग्राहकों की बदलती आवश्यकताओं और आधुनिक व्यापारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसे नए स्वरूप में विकसित किया गया है। इसी क्रम में सोमवार को पारसनाथ भंडार का भव्य पुनः उद्घाटन किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि बड़े भाई के सुपुत्र भी आज प्रतिष्ठान के संचालन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जिससे अब यह प्रतिष्ठान परिवार की तीन पीढ़ियों के सामूहिक प्रयास से संचालित हो रहा है।
मुकेश जैन ने कहा कि पारसनाथ भंडार का मूल मंत्र हमेशा से ग्राहक संतुष्टि रहा है। हमारा स्पष्ट मानना है कि ग्राहक ही ईश्वर का दूसरा रूप होता है। यदि हम उन्हें शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण सामान और उचित मूल्य पर सामग्री उपलब्ध कराते हैं, तो उनका विश्वास ही हमारे व्यवसाय की सबसे बड़ी पूंजी बनता है, उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिष्ठान में रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी सभी वस्तुएं बेहतर गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध कराई जाती हैं। नए स्वरूप में सुसज्जित पारसनाथ भंडार अब प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक निरंतर खुला रहेगा, ताकि ग्राहकों को सुविधाजनक समय पर खरीदारी की बेहतर सुविधा मिल सके।

आधुनिक सजावट, सुव्यवस्थित काउंटर और ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दुकान को नए तरीके से तैयार किया गया है। उद्घाटन अवसर पर डूंगरमल जैन की धर्मपत्नी चंपा देवी जैन, प्रवीण जैन,अनीता जैन, नवीन जैन, मीनाक्षी जैन, मुकेश जैन, नैंसी जैन, श्रेयांश जैन उर्फ मोनू, डॉली जैन, सम्यक जैन सहित परिवार के अनेक सदस्य उपस्थित रहे। साथ ही शहर के कई गणमान्य नागरिक, व्यवसायी वर्ग एवं सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए और प्रतिष्ठान के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों ने पारसनाथ भंडार को हजारीबाग की व्यावसायिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि यह प्रतिष्ठान आने वाले समय में भी गुणवत्ता, विश्वास और सेवा के अपने मूल्यों के साथ आगे बढ़ता रहेगा।

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