झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा हजारीबाग ने धरने के माध्यम से आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
हजारीबाग
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा हजारीबाग ने धरने के माध्यम से आयुक्त को ज्ञापन सौपा। धरने की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष प्रवीन मेहता और संचालन जिला महासचिव गणेश कुमार सीटू और राधे मेहता ने किया।
झारखंड आंदोलनकारियों के राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, बाल बच्चों को रोजी रोजगार नियोजन की गारंटी तथा जेल जाने की बाध्यता समाप्त कर सभी को समान पेंशन राशि 50-5 हज़ार रु देने की मांग को धरना दिया गया. इसके पश्चात उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल के आयुक्त श्री पवन कुमार को अपनी मांगों के समर्थन में 8 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया। श्री कुमार ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि मांग पत्र के आलोक में सरकार को पत्र प्रेषित किया जाएगा। आंदोलनकारियों के प्रति उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल संवेदनशील है. आंदोलनकारियों की अधिकारों की पूर्ण रक्षा होगी।
आंदोलनकारी ने निर्णय लिया कि झारखंड आंदोलनकारी को पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण एवं सम्मान पत्र देने के आलोक में 3 जनवरी 2026 को हजारों हजार की संख्या में मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती के अवसर पर आभार यात्रा में शामिल होगें। धारणा को संबोधित करते हुए हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि मेरे 51 संशोधन के बाद झारखंड नाम पड़ा।
वनांचल से झारखंड नाम करवाने के लिए बिहार विधानसभा में मैंने लगातार संघर्ष किया जिसका परिणाम यह हुआ की बिहार सरकार को अपने प्रस्ताव में मेरे 51 संशोधन को स्वीकार करते हुए वनांचल की जगह झारखंड नाम प्रस्ताव में जोड़कर के प्रस्ताव को महामहिम राष्ट्रपति महोदय को भेजा गया जो वहां से स्वीकार होकर के आया और फिर वनांचल का नाम झारखंड पड़ा। मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के बाल – बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए स्वयं लड़नी है। झारखंड आंदोलनकारियों को सरकार न्याय के साथ सम्मान एवं समाज में स्वाभिमान से जीने का अधिकार दे। केंद्रीय अध्यक्ष विदेशी महतो ने कहा झारखंड को लूट और लुटेराओं से बचाना है। झारखंड आंदोलनकारी जिन मूल्यों की रक्षा के लिए झारखंड राज्य हुआ है उस मूल्य की स्थापित कर अपने बाल बच्चों को अधिकार दिलाने का काम करें सरकार। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी के सम्मान से सरकार का राज्य का सम्मान है. सम्मान पत्र दिया है तो सम्मान पेंशन राशि देना होगा. धरने को मेहता बटेश्वर मेहता, रजी अहमद, सुनीता कच्छप, ललित नारायण, जासो देवी, वीणा पाणी नंदी, विनोद पांडेय, सूरज जायसवाल मैं भी संबोधित किया धरने में मुख्य रूप से लालधन महतो, अबरार अंसारी, ठाकुर राम महतो, भीम माझी, सहदेव महतो, हसनैन, विंध्याचल बेदिया,
भरत महतो, गोविंद महली, शेर मोहम्मद खान ,शौकत अनवर दशरथ जी, बाल किशून बेदिया, राजकुमार सिंह, भोला गुप्ता, श्रीकांत मेहता सहित सैकड़ो आंदोलनकारी प्रमुख रूप से भाग लिए।

