रांची-
रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकेट्री एंड एलाइड साइंस (रिनपास) के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रिनपास की टेली-मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा और डिजिटल अकादमी का शुभारंभ किया। साथ ही रिनपास पर आधारित पोस्टल स्टाम्प, स्मारिका और चार पुस्तकें भी जारी की गईं।मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि रिनपास में आधारभूत संरचना और शैक्षणिक व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, ताकि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित मरीजों को आधुनिक और बेहतर इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। उन्होंने यह भी जोर दिया कि इलाज में अत्याधुनिक तकनीकों का अधिकतम इस्तेमाल किया जाएगा। सोरेन ने रिनपास जैसी संस्थाओं की भूमिका आज के समय में तेजी से बढ़ती हुई बताई। उन्होंने कहा कि मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों को बेहतर काउंसलिंग और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने यह चिंता भी व्यक्त की कि कई परिजन अपने रोगियों को छोड़कर चले जाते हैं और कभी वापस नहीं आते, जबकि कई बार मानसिक मरीजों को घर में अलग रखा जाता है, जो समाज और परिवार के लिए हानिकारक है। ऐसे में मानसिक समस्याओं से ग्रसित मरीजों तक सहज और सरल तरीके से सेवाएं पहुंचाना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने रिनपास की स्थापना की तारीख 1925 का स्मरण करते हुए कहा कि उस समय इस संस्थान की आवश्यकता और दूरदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण थी, यह बताने की जरूरत नहीं है। पिछले सौ वर्षों से रिनपास लोगों की सेवा में समर्पित है और इस सेवा भाव को और भी बेहतर बनाया जाएगा। समारोह के दौरान रिनपास के अवकाश प्राप्त निदेशकों और फैकल्टी सदस्यों का उनके योगदान के लिए सम्मान किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, विधायक राजेश कच्छप, सुरेश कुमार बैठा, रिनपास निदेशक डॉ. अमूल रंजन सिंह सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने समारोह के अंत में रिनपास से जुड़े सभी लोगों को सेवा, समर्पण और विश्वास के गौरवशाली सौ वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि राज्य सरकार मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सभी आवश्यक कदम उठाएगी, ताकि रिनपास में मरीजों को आधुनिक और उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिल सकें।