सेन्ट्रल डेस्क-
रांची
रांची से निकल रही खबर ने झारखंड के प्रशासनिक गलियारों में एक बार फिर से हलचल मचा दी है। राज्य सरकार ने 1993 बैच के आईएएस अधिकारी अविनाश कुमार को झारखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। वे राज्य के 26वें मुख्य सचिव होंगे। इस ताजपोशी के साथ ही झारखंड की नौकरशाही में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अविनाश कुमार इससे पहले अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग के पद पर कार्यरत थे। साथ ही मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, झारखंड ऊर्जा विकास निगम और बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक, तथा नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन के मुख्य स्थानिक आयुक्त जैसे कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी उनके कंधों पर थीं। आदेश में साफ किया गया है कि मुख्य सचिव बनने के बाद भी वे मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव और दिल्ली स्थित झारखंड भवन के मुख्य स्थानिक आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार देखेंगे।
यह नियुक्ति केवल एक प्रशासनिक फेरबदल नहीं बल्कि आने वाले दिनों की नीति और प्रशासनिक दिशा को प्रभावित करने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है। अविनाश कुमार अपनी कड़क और तेजतर्रार कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने राज्य की नौकरशाही में कई बार अपनी छाप छोड़ी है और कठिन हालात में भी परिणाम देने की क्षमता साबित की है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीदें बंधी हैं कि वे विकास कार्यों को नई गति देंगे और शासन-प्रशासन की जटिलताओं को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
दूसरी ओर अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग में पदस्थापित अजय कुमार सिंह को विकास आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इससे स्वास्थ्य और विकास दोनों ही क्षेत्रों में समन्वय और तेजी की संभावना जताई जा रही है। वहीं, आज 30 सितंबर को निवर्तमान मुख्य सचिव अलका तिवारी सेवानिवृत्त हो गईं। उनका कार्यकाल शांत और संतुलित माना गया, लेकिन उनकी विदाई के साथ ही अब सभी की नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि अविनाश कुमार किस तरह अपनी छाप छोड़ते हैं।
राज्य गठन के बाद से अब तक कुल 25 मुख्य सचिव झारखंड में कार्य कर चुके हैं। विजय शंकर दूबे से लेकर जी. कृष्णण, ए.के. मिश्रा, लक्ष्मी सिंह, पी.पी. शर्मा, एम.के. मंडल, एके चुग, एके वसु, शिव बसंत, एके सिंह, एके चौधरी, आर.एस. शर्मा, सजल चक्रवर्ती, सुधीर प्रसाद, आर.एस. पोद्दार, राजीव गौबा, राजबाला वर्मा, सुधीर त्रिपाठी, डी.के. तिवारी, सुखदेव सिंह, एल. खियांगते और हाल ही में अलका तिवारी इस पद पर रह चुके हैं। पीपी शर्मा दो बार और सजल चक्रवर्ती तीन बार मुख्य सचिव पद की कुर्सी पर आसीन हो चुके हैं। अब इस क्रम में 26वें मुख्य सचिव के रूप में अविनाश कुमार का नाम दर्ज हो गया है।
प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि झारखंड की नौकरशाही में यह बदलाव आने वाले महीनों में सरकार की प्राथमिकताओं और प्रशासनिक रफ्तार को किस दिशा में मोड़ेगा। अविनाश कुमार के कंधों पर यह जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है क्योंकि वे एक साथ कई अहम पदों का दायित्व भी निभा रहे हैं। झारखंड के राजनीतिक और प्रशासनिक परिदृश्य में यह नियुक्ति एक नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है, जहां से उम्मीदें भी बड़ी हैं और चुनौतियाँ भी।

