बिहार-
सेन्ट्रल डेस्क
बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अब कानूनी शिकंजे में घिरते नज़र आ रहे हैं। मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट ने इन दोनों नेताओं समेत कई अन्य पर दर्ज परिवाद को स्वीकार कर लिया है और अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितम्बर 2025 को तय की गई है।यह विवाद दरभंगा में आयोजित वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मंच से हुई विवादित और अभद्र टिप्पणियों से जुड़ा हुआ है। अधिवक्ता एवं भाजपा नेता अनिल कुमार सिंह ने अदालत में परिवाद दायर कर आरोप लगाया कि कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उनका कहना है कि यह टिप्पणी राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के उकसावे तथा साजिश के तहत की गई। अनिल कुमार सिंह ने बताया कि 28 अगस्त की शाम वे अपने चैंबर में सोशल मीडिया पर कार्यक्रम का वीडियो देख रहे थे, तभी इस आपत्तिजनक टिप्पणी का संज्ञान हुआ। उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक घटना है, जिससे वे गहराई से आहत हैं। उन्होंने अपने परिवाद में साफ कहा है कि प्रधानमंत्री और उनकी माता पर की गई टिप्पणी न केवल अनैतिक है बल्कि इससे आम जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुँची है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे स्वीकार कर लिया और सुनवाई की तिथि 11 सितम्बर तय की। इस घटनाक्रम के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। एनडीए नेताओं ने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को देश से माफी मांगनी चाहिए। एनडीए ने इसे ओछी राजनीति करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं कांग्रेस और राजद ने इसे भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि जिसने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया वह पार्टी का आधिकारिक कार्यकर्ता नहीं था।राजनीतिक गलियारों में यह मुद्दा अब चुनावी चर्चाओं के केंद्र में आ चुका है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला न केवल अदालत की कार्रवाई बल्कि बिहार की सियासत की दिशा और तेज़ी से बदलती चुनावी हवाओं को भी प्रभावित करेगा।