विशेष ऑपरेशन के दौरान भयंकर फायरिंग, एक जवान गंभीर रूप से घायल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दी श्रद्धांजलि
पलामू-
झारखंड के पलामू जिले के मनातू थाना क्षेत्र के केदल जंगल में बुधवार को विशेष ऑपरेशन के दौरान पुलिस और प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी के बीच भयंकर मुठभेड़ हुई। इस घटना में दो पुलिस जवान शहीद हो गए, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हैं। शहीद जवानों की पहचान संतन मेहता और सुनील राम के रूप में हुई है।पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि टीएसपीसी के टॉप कमांडर और कथित सुप्रीमो शशिकांत गंझू अपने गांव में मौजूद हैं। सूचना के आधार पर एसपी अभियान राकेश सिंह के नेतृत्व में सर्च अभियान शुरू किया गया। जैसे ही पुलिस शशिकांत के घर से लगभग 100 मीटर दूर पहुंची, नक्सलियों ने अचानक घातक फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी करीब 15 मिनट तक लगातार चली, जिसमें दोनों पक्षों ने एके-47 से जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ के दौरान घायल जवानों की स्थिति गंभीर रही। संतन मेहता के दोनों कंधों में नौ गोलियां लगीं, जबकि सुनील राम के सिर और शरीर के विभिन्न हिस्सों में आधा दर्जन से अधिक गोलियां लगीं। जवान रोहित कुमार भी इस हमले में घायल हुए और उनके पैर में गोली लगी। घायल जवानों को तुरंत पलामू एमएमसीएच अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने संतन मेहता और सुनील राम को मृत घोषित कर दिया। रोहित कुमार का इलाज जारी है और उनके स्वास्थ्य में सुधार की कोशिशें जारी हैं। मुठभेड़ के बाद एसपी रीष्मा रमेशन और डीआईजी नौशाद आलम सहित उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे। पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए और सर्च अभियान शुरू कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह क्षेत्र टीएसपीसी कमांडर शशिकांत गंझू का सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है और इसी इलाके में पहले भी कई बार मुठभेड़ हो चुकी हैं।राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने घायल जवान के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और कहा कि शहीदों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, और शांति स्थापित करने में उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। जबकि पुलिस ने कहा कि सर्च अभियान जारी रहेगा और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि राज्य प्रशासन और पुलिस नक्सलियों की गतिविधियों पर सतत निगरानी बनाए हुए हैं।