सेन्ट्रल डेस्क:
रांची
झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन ने 15 अक्टूबर को कुल बंद का ऐलान कर दिया है। इसके पहले संगठन 8 से 14 अक्तूबर तक प्रतिरोध सप्ताह मनाने का फरमान जारी कर चुका है। संगठन का आरोप है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से बातचीत से इनकार और ऑपरेशन कगार के तहत सुरक्षाबलों की कार्रवाईयों के विरोध में यह बड़ा कदम उठाया गया है।
संगठन ने प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया कि 15 सितंबर 2025 को केंद्रीय कमेटी सदस्य सहदेव सोरेन, बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य रघुनाथ हेम्ब्रम और जोनल कमेटी सदस्य राम खेलावन गंझू को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया। संगठन का कहना है कि इस तरह की कार्रवाईयों में कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाया गया।
माओवादी संगठन ने गिरफ्तारी के बाद अपने सदस्यों को तुरंत कोर्ट में पेश करने और मुठभेड़ों से बचने की चेतावनी दी है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो संगठन सख्त विरोध और हिंसक कदम उठा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बंद के दौरान दूध वाहन, प्रेस वाहन और एंबुलेंस को छूट दी जाएगी।
सुरक्षा एजेंसियां हर कदम पर सतर्क हैं। सभी संबंधित राज्यों के जिलों में खुफिया अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा बलों को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। झारखंड के पुलिस महानिदेशक ने चेतावनी दी है कि नक्सली केवल डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। जहां भी छिपे हैं, उन्हें बाहर आते ही सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा। पुलिस हर चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बंद सार्वजनिक जीवन और व्यापार को पूरी तरह बाधित कर सकता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। नागरिकों से अपील की गई है कि भीड़-भाड़ से बचें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।

