हजारीबाग-
झारखंड विधानसभा द्वारा हाल ही में पारित झारखंड कोचिंग सेंटर (नियमन एवं विधिमान) विधेयक को लेकर हजारीबाग कोचिंग एसोसिएशन ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है और इसमें कई गंभीर चिंताओं को उजागर किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जे.पी. जैन और सचिव प्रकाश कुमार ने बताया कि इस विधेयक में शामिल प्रावधान छोटे और मध्यम स्तर के कोचिंग संस्थानों के संचालन को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि यह विधेयक लागू हुआ तो हजारीबाग और आसपास के क्षेत्र के लगभग 90 प्रतिशत कोचिंग संस्थान बंद होने की कगार पर पहुँच सकते हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि विधेयक में बैंक गारंटी के मानक, भवन और स्थान की शर्तें, और नगर निगम क्षेत्रों में संचालन जैसी शर्तें छोटे संस्थानों के लिए बेहद कठिन हैं। बैंक गारंटी के तहत 50 से अधिक छात्रों वाले संस्थानों के लिए पांच लाख रुपये की गारंटी अनिवार्य की गई है, जो छोटे संस्थानों के लिए मुश्किल साबित होगी। इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र में कोचिंग सेंटर संचालित करने की शर्त से ग्रामीण और छोटे कस्बों के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। विधेयक में 600 वर्ग मीटर के भवन को अनिवार्य करना भी छोटे संस्थानों के लिए व्यावहारिक नहीं है।एसोसिएशन ने यह भी कहा कि फीस वापसी और शिकायत निवारण जैसे प्रावधान सरल और व्यावहारिक बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि नियमावली में इतने कठोर प्रावधान हैं कि छोटे संस्थान उनका पालन करने में असमर्थ हो सकते हैं। अध्यक्ष जे.पी. जैन ने कहा कि इस प्रकार के कठोर नियम शिक्षा क्षेत्र को नुकसान पहुँचाएंगे और विद्यार्थियों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि इस विधेयक को पुनः विचार हेतु वापस किया जाए और छोटे और मध्यम स्तर के कोचिंग संस्थानों के हित में व्यावहारिक नीति बनाई जाए। ज्ञापन सौंपने के अवसर पर एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य सुदेश प्रसाद उपाध्यक्ष, बासुदेव पंडित कोषाध्यक्ष, डमर साव संरक्षक और मुज्जफर हुसैन भी उपस्थित रहे।

