कोडरमा-
कोडरमा से आई इस खबर ने पूरे पुलिस महकमे की नींव हिला दी है। पुलिस लाइन में तैनात चालक 42 वर्षीय मंसूर आलम ने आत्महत्या कर ली। मौत से पहले उन्होंने अपने बैरेक के साथियों को फोन कर इस घटना की जानकारी दी थी। साथी तुरंत दौड़े आए और उन्हें गंभीर हालत में सदर अस्पताल, कोडरमा ले जाया गया। डॉक्टरों ने हालत नाजुक देखते हुए उन्हें रिम्स रेफर कर दिया, लेकिन इलाज के दौरान मंसूर ने दम तोड़ दिया।
इस पूरे मामले को और सनसनीखेज बना दिया उस वीडियो ने, जिसे मंसूर आलम ने आत्महत्या से ठीक पहले रिकॉर्ड किया था। वीडियो में उन्होंने सीधे तौर पर दो थाना प्रभारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने साफ कहा कि उनकी मौत के जिम्मेदार जयनगर थाना प्रभारी बबलू सिंह और डोमचांच थाना प्रभारी ओम प्रकाश यादव होंगे। मंसूर का दावा था कि उनके बार-बार निलंबन के पीछे इन्हीं अधिकारियों का हाथ है और उन्हें झूठे कारणों से परेशान किया जा रहा था।
मंसूर आलम पिछले तीन महीने से निलंबित थे। यही नहीं, चार महीने में वे दो बार निलंबन का सामना कर चुके थे। विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक, उन पर ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में रहने और लापरवाही बरतने जैसे आरोप लगे थे। इन शिकायतों की जांच भी की गई और सत्य पाए जाने के बाद उन्हें निलंबित किया गया। मगर मरने से पहले छोड़े गए वीडियो ने इन आरोपों और उनकी आत्महत्या को लेकर एक नया मोड़ खड़ा कर दिया है।
पुलिस लाइन में इस घटना के बाद मातम छा गया है। जवानों के बीच सवाल उठ रहा है कि क्या मंसूर सचमुच अपनी लापरवाही और शराबखोरी के कारण इस स्थिति तक पहुंचे या फिर विभागीय राजनीति और व्यक्तिगत रंजिश ने उन्हें मौत की ओर धकेल दिया।
मुख्यालय डीएसपी रतिभान सिंह ने मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि मंसूर आलम पर शराब पीकर ड्यूटी करने की शिकायत मिली थी, जो जांच में सही पाई गई थी। इसी कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। लेकिन आत्महत्या से पहले बनाए गए वीडियो और उसमें लगाए गए आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है।

