रांची-
रांची की सड़कें शुक्रवार की सुबह अफरा-तफरी से भर गईं, जब शहर की सिटी बस सेवा अचानक ठप हो गई। प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के करीब 50 ड्राइवर और कंडक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दीं। इस फैसले ने जहां परिवहन व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं आम यात्रियों की परेशानियाँ भी कई गुना बढ़ा दीं। छंटनी के विरोध में नाराज़ अनुबंध कर्मचारी सुबह से ही कचहरी चौक पर बसों के सामने बैठकर धरना देने लगे। उनका कहना है कि जब तक नौकरी बहाल नहीं की जाती, आंदोलन जारी रहेगा। कर्मचारियों ने यह भी ऐलान किया है कि यदि उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ किया गया तो वे फिरायालाल चौक पर भी प्रदर्शन करेंगे, जिससे पूरे शहर का ट्रैफिक ठप पड़ सकता है। इस अचानक फैसले का सबसे बड़ा खामियाज़ा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वाले लोग और रोज़ाना बसों से सफर करने वाले बुज़ुर्ग यात्री घंटों बस स्टॉप पर इंतज़ार करते रहे।
वैकल्पिक मार्ग से चलाई जा रही बसों ने उनकी दिक्कतें और बढ़ा दीं, क्योंकि बदलते रूट और अतिरिक्त किराए ने लोगों को दोहरी मार दी। प्रशासन ने दावा किया है कि बसों का संचालन पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है, बल्कि वैकल्पिक इंतज़ाम किए जा रहे हैं। लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फिलहाल कम होता नहीं दिख रहा है। वहीं खबर लिखे जाने तक कचहरी चौक पर प्रदर्शन जारी था और कर्मचारी बसों के सामने ही डटे हुए थे। इस वजह से शहर के कई हिस्सों में जाम की स्थिति बनी रही और आम लोग परेशानियों से जूझते रहे।

