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चतरा और हजारीबाग में आतंक का खात्मा, कुख्यात अपराधी उत्तम यादव पुलिस मुठभेड़ में ढेर

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कुख्यात अपराधी उत्तम यादव पुलिस मुठभेड़ में ढेर
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चतरा-

चतरा और हजारीबाग के लिए लंबे समय से आतंक का पर्याय बने कुख्यात अपराधी उत्तम यादव आखिरकार पुलिस के हाथों ढेर हो गए। शनिवार को हुई इस मुठभेड़ ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। यह घटना सिमरिया थाना क्षेत्र के बगरा-जबड़ा रोड पर हुई, जहां हजारीबाग एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि उत्तम यादव छिपा हुआ है।

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सूचना मिलने के बाद पुलिस की विशेष टीम ने इलाके की घेराबंदी की और जैसे ही टीम मौके पर पहुंची, उत्तम यादव ने अचानक जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत चतरा सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

 

पिछले एक साल से उत्तम यादव चतरा, हजारीबाग और आसपास के जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके थे। हत्या, लूट और रंगदारी समेत दर्जनों गंभीर आपराधिक मामलों में उसका नाम दर्ज था। लगातार अपराध की वारदातों को अंजाम देने वाला उत्तम यादव पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था।

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मुठभेड़ के बाद इलाके में सन्नाटा और राहत का माहौल बन गया। पुलिस ने घटनास्थल को पूरी तरह से घेर लिया है और मामले की तत्काल जांच शुरू कर दी है। मौके से एक अपाची बाइक भी बरामद हुई है, जो अपराधी की बताई जा रही है।

 

स्थानीय लोग अब इसे सुरक्षा और न्याय की बड़ी जीत मान रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह घटना अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है कि कानून के हाथ लंबे और मजबूत हैं।

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राज्य प्रमुख
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हंसराज चौरसिया स्वतंत्र स्तंभकार और पत्रकार हैं, जो 2017 से सक्रिय रूप से पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी शुरुआत स्वतंत्र प्रभात से की और वर्तमान में झारखंड दर्शन, खबर मन्त्र, स्वतंत्र प्रभात, अमर भास्कर, झारखंड न्यूज़24 और क्राफ्ट समाचार में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। साथ ही झारखंड न्यूज़24 में राज्य प्रमुख की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। रांची विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर (2024–26) कर रहे हंसराज का मानना है कि पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, बल्कि समाज की आवाज़ को व्यवस्था तक पहुंचाने का सार्वजनिक दायित्व है। उन्होंने राजनीतिक संवाद और मीडिया प्रचार में भी अनुभव हासिल किया है। हजारीबाग ज़िले के बरगड्डा गाँव से आने वाले हंसराज वर्तमान में रांची में रहते हैं और लगातार सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक विमर्श और जन मुद्दों पर लिख रहे हैं।
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