रांची-
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को झारखंड कैबिनेट की अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें राज्य के प्रशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे से जुड़े कुल 66 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ये फैसले न केवल प्रशासनिक सुधारों को गति देंगे, बल्कि राज्य के विकास और नागरिक कल्याण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। शिक्षा क्षेत्र में कैबिनेट ने स्कूलों की मान्यता नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी। इसके तहत स्कूलों को मान्यता देने की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी, स्पष्ट और प्रभावी होगी। साथ ही झारखंड कोचिंग सेंटर (विनियमन) विधेयक को मंजूरी मिली, जिससे राज्य में कोचिंग संस्थानों को नियामक ढांचे में लाकर छात्रों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राज्य में अंग प्रत्यारोपण के लिए झारखंड विशिष्ट गाइडलाइन को मंजूरी मिली, जो इस संवेदनशील क्षेत्र में मानकीकरण और निगरानी को सुदृढ़ बनाएगी। वहीं, गिरीडीह में कुछ चिकित्सकों की सेवाओं को समाप्त किया गया, जिससे प्रशासनिक जिम्मेदारी और दक्षता दोनों सुनिश्चित होंगी। सामाजिक कल्याण और सुरक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक अनुदान योजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार की ओर से सीधे आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, मैनुअल स्केवेंजर्स को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग में शामिल करने का निर्णय भी कैबिनेट ने लिया। राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई अहम सड़क और निर्माण परियोजनाओं को स्वीकृति मिली। रामगढ़ के बरियातू पथ के निर्माण के लिए ₹34 करोड़, हाता-चाईबासा लिंक रोड के लिए ₹75 करोड़ और मुंबई में झारखंड भवन निर्माण के लिए ₹159 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इसके अलावा, देवघर में रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण को भी मंजूरी दी गई, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा।सांस्कृतिक और कलात्मक क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए झारखंड राज्य ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी और संगीत नाटक अकादमी के गठन को हरी झंडी दिखाई गई। इन संस्थाओं के माध्यम से राज्य में कला, संगीत, नाट्य और साहित्यिक गतिविधियों को संरक्षित करने और नए प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त होगा। अकादमियों के अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित किया गया है।अन्य प्रशासनिक और वित्तीय निर्णयों में राज्य सड़क सुरक्षा कोष के प्रारूप को मंजूरी, झारखंड आकस्मिक निधि से ₹20 करोड़ की निकासी, 16वें वित्त आयोग के झारखंड दौरे पर हुए व्यय की स्वीकृति और 2004 के बाद नियुक्त 31 अतिरिक्त लिपिकों को अस्थायी लिपिक का दर्जा देने की मंजूरी शामिल है। इन व्यापक फैसलों से स्पष्ट है कि हेमंत सरकार न केवल प्रशासनिक सुधार और विकास परियोजनाओं पर ध्यान दे रही है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में भी समग्र सुधार के लिए ठोस कदम उठा रही है।