गिरिडीह में गांधी आगमन शताब्दी समारोह के तहत बच्चों के बीच सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का भव्य आयोजन
गिरिडीह
गिरिडीह में गांधी आगमन शताब्दी समारोह आयोजन समिति द्वारा रविवार को सर जे सी बोस मुख्यमंत्री बालिका उत्कृष्ट विद्यालय में गिरिडीह शहर के 25 से ज्यादा सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के बच्चों के बीच विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उद्घाटन समारोह में रामकृष्ण महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मधुश्री सान्याल, जेएनवी के पूर्व प्राचार्य के ठाकुर, विद्यालय के प्रधानाचार्य मुन्ना कुशवाहा, आयोजन समिति के संयोजक कृष्णकांत, सह संयोजक कृष्ण मुरारी शर्मा , प्रभाकर कुमार, जज के रूप में ललित नारायण कुशवाहा, सुचित्रा बोस, राखी झुनझुनवाला, शिक्षिका रेणु कुमारी आदि गणमान्य लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ सान्याल ने बताया की महात्मा गांधी का गिरिडीह आगमन बड़े ही गौरव की बात है और उनकी शताब्दी समारोह गांधी के विचारों, उनके दर्शन उनके मूल्यों को याद करने का दिन है।
कार्यक्रम के संयोजक सोमनाथ केशरी ने बताया कि कुल 6 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें भाषण, लेख, कोलार्ज, चित्रकला, कविता पाठ और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। सर्वप्रथम भाषण प्रतियोगिता में 50 से ज्यादा बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और गांधी के सपनों का भारत और गांधी के विचारों के वर्तमान समय में प्रासंगिकता विषय पर अपने विचार रखे।
कविता पाठ में भी बच्चों ने एक से बढ़कर एक कविता के प्रस्तुति दी।
चित्रकला प्रतियोगिता में गांधी और चरखा विषय पर बच्चों ने एक से बढ़कर एक पेंटिंग बनाकर गांधी जी की याद को जीवंत कर दिया वही रंगो के संयोजन से रंगोली बनाकर बच्चों ने गांधी को याद किया। इस प्रतियोगिता में शामिल विजयी बच्चों को आगामी 7 तारीख को टाउन हॉल में पुरस्कृत किया जाएगा एवं सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। विदित हो कि महात्मा गांधी के 6 और 7 अक्टूबर 1925 में गिरिडीह और खरगडीहा आने के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर गिरिडीह में जिला प्रशासन गिरिडीह एवं गिरिडीह में गांधी आगमन शताब्दी समारोह आयोजन समिति द्वारा विद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता, विभिन्न खेलकूद कार्यक्रम एवं दिनांक 6 -7 अक्टूबर को खरगडीहा से गिरिडीह तक की पदयात्रा का कार्यक्रम किया जा रहा है। इस विद्यालय स्तरीय कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षिका सरिता कुमारी, रवि स्वर्णकार,नीरीति केसरी, शिक्षिका मनीषा कुमारी, अभिनीत कुमार, पूजा शर्मा, शामली मैडम, श्वेता खंडेलवाल, राजेंद्र बरनवाल,रामजी यादव, दीपाली, अनिता, नैना आदि का अहम योगदान रहा।

