मौलाना अबुल कलाम आजाद के विचारों की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है: डॉ शाहनवाज खान
रामगढ़ महाविद्यालय उर्दू विभाग ने मनाया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
रामगढ़
मो. शाहीद
रामगढ़ महाविद्यालय, रामगढ़ के उर्दू विभाग ने देश के प्रथम शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म के अवसर पर दिवस राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की जीवनी, उनकी व्यक्तित्व, धार्मिक साहित्यिक लेख, पत्र लेखन, देश की आजादी में उनका योगदान और देश के प्रथम शिक्षा मंत्री के तौर पर भारत की शिक्षा व्यवस्था में उनकी भूमिका आदि पर अपना अपना लेख प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ शाहनवाज खान ने अपने संबोधन में मौलाना अबुल कलाम आजाद के विचारों की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस सामाजिक समरसता और शिक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले मौलाना अबुल कलाम आजाद का याद दिलाता है। वह भारतीय राष्ट्रीयता की अविभाज्य एकता और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक थे।
उनके के शिक्षा, धर्म, राष्ट्र निर्माण, समाज सुधार और साहित्य के क्षेत्र में दिए गए अमूल्य योगदान को भूलना अन्याय होगा। उन्होंने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में उनके विचारों की प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंने समाज में शिक्षा की असमानता को कम करने और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। यह भी कहा कि रोजगारोन्मुखी शिक्षा समय की मांग है। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ही स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में यूजीसी, आईआईटी, आईसीसीआर, आसीएमआर, आईसीएसआर, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी जैसे संस्थानों की बुनियाद रखी।
कार्यक्रम में साथ विद्यार्थियों ने लेख प्रस्तुत किया। मुख्य रूप से उम्मे सलमा, सफक सानिया, नाज़रिन परवीन, रानी परवीन, सलीमा परवीन, आशियाना परवीन, अरसला शाकरीन, सायरा मुस्तफा, सलमा परवीन, नेहा परवीन, लाली परवीन, नेमत जमील, शाइस्ता, रौनक खातून, सिफा हयात,जिया रहमान, सादिया परवीन, सूफिया नाज़, सगुफ्ता अली, नजराना परवीन आदि उपस्थित थे।

