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अधिकारों की लड़ाई में युवाओं को दिशा दे रहे हैं अभिषेक कुमार सिंह

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अभिषेक कुमार सिंह
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संपादकीय-

झारखंड के पलामू जिले की धरती से निकलकर अपनी पहचान बनाने वाले अभिषेक कुमार सिंह उन युवाओं में गिने जाते हैं जिन्होंने डिजिटल दुनिया को समाज की जागरूकता का हथियार बनाया। वर्ष 2019 से ही वे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अपने विचारों, संदेशों और कंटेंट के ज़रिए निरंतर चर्चा में बने रहे हैं। अभिषेक का मानना है कि बदलते समय में समाज को आगे बढ़ाने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा साधन है, और यही कारण है कि वे डिजिटल कंटेंट को केवल मनोरंजन तक सीमित न रखकर सामाजिक बदलाव का माध्यम बना चुके हैं। अभिषेक कुमार सिंह की डिजिटल यात्रा इस विश्वास से शुरू हुई कि हर नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों की समझ होनी चाहिए। वे लगातार अपने कंटेंट के ज़रिए लोगों को सामाजिक जिम्मेदारियों के बारे में सरल भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि यदि समाज अपने अधिकारों को पहचान ले और उनका सही उपयोग करना सीख जाए, तो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक नई शुरुआत संभव हो सकती है। युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि वे केवल ऑनलाइन कंटेंट तक सीमित नहीं रहते बल्कि जमीनी स्तर पर भी सक्रिय हैं। अभिषेक ने कई डिफेंस एकेडमीज़ के साथ कार्य करते हुए युवाओं को अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्र-निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। इसके साथ ही वे कई सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे हैं, जहाँ उन्होंने शिक्षा, रोजगार और सामाजिक जागरूकता जैसे मुद्दों पर ठोस काम किया। उनकी यह सक्रियता उन्हें महज़ एक डिजिटल क्रिएटर नहीं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता और विचारशील युवा के रूप में पहचान दिलाती है।

भिषेक की कार्यशैली में सबसे बड़ी विशेषता उनकी स्पष्ट सोच और सकारात्मक दृष्टिकोण है। वे मानते हैं कि सोशल मीडिया केवल आत्म-प्रचार का मंच नहीं बल्कि यह विचारों की क्रांति का सबसे सशक्त जरिया है। यही कारण है कि वे अपने हर संदेश में समाज के लिए उपयोगी और प्रेरणादायक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। उनके कंटेंट में न केवल शिक्षा और जागरूकता का संदेश होता है बल्कि यह युवाओं को अपने जीवन में कुछ सार्थक करने के लिए प्रेरित भी करता है। आज अभिषेक कुमार सिंह उस नई पीढ़ी का चेहरा हैं जो सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स को समाज सुधार का उपकरण मानती है। उनकी सोच और प्रयास यह साबित करते हैं कि यदि युवा ठान लें तो बदलाव की सबसे बड़ी लड़ाई डिजिटल माध्यम से भी जीती जा सकती है। पलामू की यह युवा आवाज़ आने वाले समय में और भी बड़े सामाजिक विमर्श और जनचेतना की अगुवाई करने के लिए तैयार नज़र आती है।

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राज्य प्रमुख
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हंसराज चौरसिया स्वतंत्र स्तंभकार और पत्रकार हैं, जो 2017 से सक्रिय रूप से पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी शुरुआत स्वतंत्र प्रभात से की और वर्तमान में झारखंड दर्शन, खबर मन्त्र, स्वतंत्र प्रभात, अमर भास्कर, झारखंड न्यूज़24 और क्राफ्ट समाचार में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। साथ ही झारखंड न्यूज़24 में राज्य प्रमुख की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। रांची विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर (2024–26) कर रहे हंसराज का मानना है कि पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, बल्कि समाज की आवाज़ को व्यवस्था तक पहुंचाने का सार्वजनिक दायित्व है। उन्होंने राजनीतिक संवाद और मीडिया प्रचार में भी अनुभव हासिल किया है। हजारीबाग ज़िले के बरगड्डा गाँव से आने वाले हंसराज वर्तमान में रांची में रहते हैं और लगातार सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक विमर्श और जन मुद्दों पर लिख रहे हैं।
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