समाज के आधुनिकी और बदलाव के साथ साथ अपराध करने के तरीकों का भी आधुनिकीकरण हो गया है-थाना प्रभारी रवि कुमार
झारखंड न्यूज़ 24 कुलदीप कुमार गोमिया
अपराधी अब भौतिक रूप से ठगी, जालसाजी, चोरी, गृहभेदन, रंगदारी, लुट आदि न कर वर्चुअल रूप से अपराध कर रहा है । जिसे हम साइबर अपराधी कहते है ।
साइबर अपराधी के तीन अस्त्र—शस्त्र है— डर, लालच और लापरवाही । इसी तीन शस्त्र का प्रयोग कर साइबर अपराधी मासूम लोगो को ठगते है और उसके मेहनत की कमाई को साफ करते है
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए गोमिया थाना प्रभारी रवि कुमार ने बताया
कि गोमिया थाना क्षेत्र में हाल में हुए एक घटना के संबंध में बताना चाहूंगा कि कैसे साइबर अपराधी के द्वारा एक मासूम व्यक्ति को लालच देकर अपराध में सम्मिलित किया जाता है ।
कुछ दिन पहले गोमिया थाना क्षेत्र के होसिर गांव के एक 16—17 वर्ष के एक बच्चे को साइबर अपराधी का कॉल आया । साइबर अपराधी ने उस बच्चे को अपने बैंक अकाउंट को किराए पर लगाने के लिए बोला । बैंक अकाउंट को किराए में देने के लिए साइबर अपराधी के द्वारा प्रत्येक महीना कुछ राशि भी देने का लालच दिया गया । उस समय उस बच्चे के पास कोई बैंक अकाउंट नहीं था । लालच में आकर उस बच्चे ने जाकर एक बैंक अकाउंट खोला और अपने अकाउंट से संबंधित सभी जानकारी साइबर अपराधी को दे दिया। ऐसे ही बैंक खाते को Mule Account बोलते है। उसके बाद उस बच्चे के मोबाइल में दिन भर ट्रांजेक्शन के मैसेज आने लगे। दो-तीन महीने तक उस बच्चे को किराया भी मिला । जब उसे किराया मिलना बंद हो गया तब वो गोमिया थाना आया और सारा मामला मुझे बताया । मैने अविलंब उसके बैंक अकाउंट को बंद करवाया और दोबारा ऐसा नहीं करने का हिदायत भी दिया । उसके परिवार वाले को भी बुलाकर शख्त हिदायत दिया ।
अभी भी न जाने कितने लोग इसी प्रकार साइबर अपराधी के द्वारा दिए गए लालच का शिकार होकर अपने बैंक अकाउंट को किराए पर लगाए होंगे । ऐसा कर वे सभी लोग साइबर आपराधी को अपराध करने में सहयोग कर रहे है ।
सतर्क रहे, आस पास के लोगों को जागरूक करे और अपनी मेहनत की कमाई को भी सुरक्षित रखें।

