हजारीबाग में सम्पर्क फाउंडेशन’ द्वारा 43 उत्कृष्ट शिक्षकों, 18 विद्यालयों और 7 प्रखंडों को सम्मानित किया गया
उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह के प्रधानाध्यापक मो जहांगीर अंसारी ने किया प्रशस्ति पत्र एवं ट्रॉफी ग्रहण
हजारीबाग
हजारीबाग जिला के डायट सभागार में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों और विद्यालयों को सम्मानित करने हेतु एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सम्पर्क फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया, जिसमें जिले भर के 43 टॉप शिक्षक, 18 विद्यालय एवं 7 प्रखंडों को सम्मानित किया गया। सम्पर्क फाउंडेशन लंबे समय से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहित करने और विद्यालयों को सहयोग प्रदान करने का कार्य कर रही है। फाउंडेशन ने डिजिटल शिक्षा को मनोरंजक और आनंददायक बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। इसके तहत कई विद्यालयों को स्मार्ट टीवी उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें सभी विषयों के शैक्षणिक कंटेंट समाहित हैं। सम्मानित विद्यालयों में कटकमदाग प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह, मध्य विद्यालय सुल्ताना, बरही प्रखंड का मध्य विद्यालय तिलैया, बरकट्ठा का मध्य विद्यालय मेरमगड़ा, पदमा का मध्य विद्यालय तिलिर करमा एवं करार मध्य विद्यालय शामिल हैं।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह के प्रधानाध्यापक मो. जहांगीर अंसारी ने प्रशस्तिपत्र एवं ट्रॉफी ग्रहण की। शिक्षकों की श्रेणी में नजमा अख्तरी, लक्ष्मी कुमारी, रीता सिंह, शबान अंसारी, प्रकाश अग्रवाल, नीरज मिश्रा, ललन कुमार ओझा सहित कई शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में ए.डी.पी.ओ. कौशल किशोर, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राकेश कुमार, जवाहर प्रसाद, रंजीत वर्मा एवं ए.पी.ओ. अजय कुंडू उपस्थित रहे।
इन सभी अतिथियों के करकमलों द्वारा सम्मानित शिक्षकों, विद्यालय प्रतिनिधियों और प्रखंडों को प्रशस्तिपत्र एवं ट्रॉफी प्रदान की गई। सम्पर्क फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम का संचालन पंडित निर्मला एवं कुंदन पाठक ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य अमित कुमार, कुंदन पाठक और शौरभ जी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षकों की भूमिका सर्वोपरि है। फाउंडेशन ने यह साबित किया है कि तकनीकी माध्यमों के जरिए शिक्षा को न केवल सुलभ बल्कि रोचक बनाया जा सकता है। इस सम्मान समारोह से शिक्षकों और विद्यालयों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार देखने को मिला।

