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विभावि के राजनीति विज्ञान विभाग में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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विभावि के राजनीति विज्ञान विभाग में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

हजारीबाग |

विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हज़ारीबाग के राजनीति विज्ञान विभाग के सेमिनार हॉल में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस के अवसर पर एक खाली विनोद को बोल सकते हो जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष का वैश्विक थीम— “भ्रष्टाचार के विरुद्ध युवाओं की एकजुटता: आने वाले कल की ईमानदारी के निर्माण की दिशा में” कार्यक्रम के केंद्र में रहा।

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मुख्य वक्ता के रूप में विभाग के प्राध्यापक डॉ. प्रमोद कुमार ने उपस्थित छात्रों और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार न केवल आर्थिक विकास में बाधक है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को अपने व्यवहार और कार्यशैली का हिस्सा बनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँ। उन्होंने भ्रष्टाचार के चार “पी” पर भी जानकारी दी अर्थात, प्रेफरेंस, पावर प्रिविलेज और पेमेंट।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुकल्याण मोइत्रा ने की। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती है कि इस मामले में समाज में जागरूकता और सही समझा की कमी है। इस विषय की सही समझ को साझा करने के लिए ही ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक है।

उन्होंने विश्वसनीय अंतर्राष्ट्रीय संस्थान ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित 180 राष्ट्रों की भ्रष्टाचार सूचकांक के बारे में जानकारी दी। इस सूचकांक के अनुसार सोमालिया, दक्षिण सूडान और वेनेजुएला में भ्रष्टाचार सबसे अधिक है। वही डेनमार्क, फिनलैंड, सिंगापुर, न्यू जीलैंड, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड तथा स्वीडन इस सूची में सर्वोच्च स्थान पर है जहां भ्रष्टाचार नहीं के बराबर है। बताया कि भारत का स्थान इस सूची में 93वां है जिसे सुधारने की सख्त जरूरत है।

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भारत में बदलाव तभी हो सकेगा जब आज के युवा, अर्थात भविष्य का भारत, इस ओर जागरूक होंगे और नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।

संगोष्ठी का संचालन शोधार्थी प्रतीक कुमार ने किया। शोधार्थियों धर्मेंद्र कुमार, इनामुल अंसारी तथा बड़ी संख्या में छात्र- छात्राएं कार्यक्रम में उपस्थित हुए।

अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने भ्रष्टाचार से जुड़े कानूनी प्रावधानों, निवारक उपायों तथा समाज में नैतिकता की बढ़ती आवश्यकता पर सक्रिय चर्चा की। कार्यक्रम के समापन पर सभी ने भ्रष्टाचार मुक्त समाज के निर्माण हेतु सामूहिक प्रयासों की प्रतिबद्धता दोहराई।

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