मोंथा चक्रवात किसानों के लिए अभिशाप -ओम प्रकाश मेहता
इचाक
हजारीबाग जिला अंतर्गत सभी प्रखंडों समेत इचाक प्रखंड में भी मोथा चक्रवात ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दी है लगातार चार दिनों तक वर्षा के कारण धान की फसल पूरी तरह से नष्ट कर दिया. और सभी खेत जलमग्न हो गया है जिस कारण धान की बाली जमीन पर गिर गई और सड़ने भी लगी है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र के लिए किसानों के लिए धनिया एवं आलू की खेती भी जीविकापार्जन का मुख्य साधन था लेकिन इस वर्ष लगातार अतिवृष्टि के कारण यहां के किसानों ने धनिया की खेती की उपज नहीं कर पाई इससे भी किसानों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. धनिया के साथ-साथ आलू की खेती जो इस क्षेत्र का जीविकोपार्जन का जो किसानों का मुख्य स्रोत था वह भी भारी बारिश के कारण और अतिवृष्टि के कारण किसानों का पूरी तरह से लगाई हुई आलू नष्ट हो गया है. जिससे किसान काफी परेशान हैं लोग बैंकों से कर्ज लेकर या फिर महाजनों से कर्ज लेकर बीज लाकर खेती किया था. लेकिन भारी बारिश के कारण इस बार इस क्षेत्र में एक भी फसल नहीं हो पाई जिस कारण यहां के किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. किसने की कमर टूट चुकी है उक्त बातें भाजपा नेता सह नि वर्तमान सांसद प्रतिनिधि ओम प्रकाश मेहता ने कही।
आगे श्री मेहता ने कहा की इतना सब कुछ होने के बाद भी चाहे यहां के स्थानीय प्रशासन हो या फिर झारखंड सरकार हो किन्हीं को किसान की एक भी चिंता नहीं है लोग तो बार-बार आवाज उठाते हैं लेकिन चाहे यहां की सरकार हो या फिर यहां की प्रशासन हो किन्ही को किसानो का दुख और दर्द के बारे में कान में जूं तक नहीं रेंगती है। एक जो किसानों का जो जीने का आधार धान की फसल थी वह भी मोंथा चक्रवात ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया है इससे किसान काफी चिंतित एवं मायूस हो गई है। आगे श्री मेहता ने झारखंड सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन से किसानों का नष्ट हुए फसलों को सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा देने का काम करें ताकि यहां के किसान जो भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं वह राहत की सांस ले सके।

