संसद में मुखर हज़ारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने किया परमाणु ऊर्जा विधेयक का पुरज़ोर समर्थन
कहा हज़ारीबाग, रामगढ़ और चतरा जैसे जिलों को कोयले और राख के परिवहन से होने वाले प्रदूषण और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी, परमाणु ऊर्जा से लोगों के जीवन में आयेगा सुधार
शांति बिल भारत के भविष्य का दूरदर्शी दस्तावेज : मनीष जायसवाल
हज़ारीबाग
हज़ारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी सांसद मनीष जायसवाल ने संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार मुखर रहकर जनहित के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया है। इसी कड़ी में बुधवार को उन्होंने भारत को बदलने के उद्देश्य से लाए गए परमाणु ऊर्जा के सतत दोहन और संवर्धन का विधेयक, 2025 जिसे संक्षेप में शांति बिल कहा गया है। उसपर अपना समर्थन वक्तव्य देते हुए इसे भारत का भविष्य, ऊर्जा शक्ति, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व से जुड़ा एक दूरदर्शी और परिवर्तनकारी विधेयक बताया। परमाणु कार्यक्रम के पुरोधा डॉ. होमी भाभा और डॉ. विक्रम साराभाई को नमन करते हुए बीजेपी सांसद सांसद जायसवाल ने चर्चा की शुरुआत की। सांसद मनीष जायसवाल ने विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष के भय के वातावरण पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल सुरक्षा और दुर्घटना के डर में जीते रहने से किसी राष्ट्र का भविष्य तय हो सकता है? क्या सड़क दुर्घटनाओं के डर से सड़कें बंद कर देनी चाहिए? क्या विमान दुर्घटनाओं के डर से हवाई यात्राएँ रोक दी जानी चाहिए? देश यह नहीं भूला है कि पहले बाहरी शक्तियों के दबाव के कारण परमाणु परीक्षण जैसे निर्णयों पर बार-बार झुकना पड़ा था। कांग्रेस के भय के कारण 25 सालों तक इस निर्णय को लंबित रखा गया।
उन्होंने याद दिलाया कि देश ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पोखरण में परमाणु परीक्षण करके विश्व की परवाह किए बिना, भारत को आत्म-सम्मान और सामरिक शक्ति प्रदान की थी। सांसद मनीष जायसवाल ने स्पष्ट किया कि आधुनिक भारत ने हर क्षेत्र में दुर्घटनाओं पर नियंत्रण की क्षमता विकसित की है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में इसके पीछे मज़बूत नीतियां, तकनीक और जवाबदेह शासन है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए शासनकाल में दुर्घटनाएँ और अव्यवस्था आम बात थी जबकि आज हर क्षेत्र में सुरक्षा के साथ-साथ नीतियों को अच्छी तरह से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि मोदी सरकार डर के आधार पर नहीं, तथ्य, विज्ञान और उत्तरदायित्व के आधार पर निर्णय लेती है। यही कारण है कि आज हम परमाणु क्षमता में भी बढ़ रहे हैं, देश को सशक्त बना रहे हैं और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर रहे हैं। अपने गृह क्षेत्र झारखंड का उदाहरण देते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने परमाणु ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस ऊर्जा से हम थर्मल पावर (कोयला आधारित बिजली) को रिप्लेस करेंगे, जिससे झारखंड के हज़ारीबाग, रामगढ़ और चतरा जैसे जिलों को कोयले और राख (झाँई) के परिवहन से होने वाले प्रदूषण और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। इस परमाणु ऊर्जा से हम लोगों के जीवन में सुधार लाएंगे। अंत में सांसद मनीष जायसवाल ने इस विधेयक को भविष्य की ज़रूरत, वर्तमान की चुनौती का समाधान और भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक बताते हुए इसका पुरज़ोर समर्थन किया।

