आईसेक्ट विश्वविद्यालय में विज्ञान विभाग का स्वागत सह विदाई समारोह संपन्न
सोनम व बीणा मिस फ्रेशर जबकि राजा व पप्पू बने मिस्टर फ्रेशर
हेरा फातिमा को मिला मिस फेयरवेल का खिताब जबकि सचिन बने मिस्टर फेयरवेल
हजारीबाग
आईसेक्ट विश्वविद्यालय में शनिवार को विज्ञान विभाग की ओर से स्वागत सह विदाई समारोह का आयोजन उत्साहपूर्ण वातावरण में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य नवागंतुक विद्यार्थियों का स्वागत एवं सीनियर विद्यार्थियों को विदाई देना रहा। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, समकुलपति डॉ गौरव शुक्ला सहित अन्य अतिथियों ने सहभागिता निभाई। स्वागत भाषण देते हुए विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष सबीता कुमारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा विद्यार्थियों को शैक्षणिक अनुशासन, अनुसंधान एवं नवाचार के प्रति प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीके नायक ने अपने संबोधन में कहा कि आईसेक्ट विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक प्रयोगशालाओं, डिजिटल लर्निंग और उद्योगोन्मुख पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने विद्यार्थियों से सीखने की प्रवृत्ति बनाए रखने और समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने का आह्वान किया।
कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक पारदर्शिता एवं अकादमिक वातावरण की सराहना करते हुए कहा कि अनुशासन और अवसर दोनों आईसेक्ट विश्वविद्यालय की पहचान हैं। समकुलपति डॉ गौरव शुक्ला ने विद्यार्थियों को करियर निर्माण के लिए समय प्रबंधन और कौशल विकास पर ध्यान देने की सलाह दी। इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसका मौजूद लोगों ने भरपूर आनंद लिया। स्वागत समारोह में प्रथम सेमेस्टर से सोनम को मिस फ्रेशर एवं राजा को मिस्टर फ्रेशर, जबकि तृतीय सेमेस्टर से बीणा को मिस फ्रेशर एवं पप्पू को मिस्टर फ्रेशर चुना गया। वहीं विदाई समारोह में हेरा फातिमा को मिस फेयरवेल और सचिन को मिस्टर फेयरवेल का खिताब प्रदान किया गया। मंच संचालन हेरा फातिमा, तनिष्का, शगुफ्ता और तजमीन ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष सबीता कुमारी के साथ मानसी प्रधान, सृष्टि सिन्हा, नेहा सिन्हा, बिशाखा बाला, राहुल राजवार, मुकेश कुमार, मुन्ना कुमार, बब्लू चौधरी, डॉ सोमेन चंद्रा, रौशन कुमार एवं अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

