सुनील कुमार दे द्वारा रचित सबूज सकाल का 12 जनवरी को माताजी आश्रम में होगा विमोचन
पोटका से सुरेश कुमार महापात्र की रिपोर्ट
पोटका प्रखंड के प्रख्यात साहित्यकार सुनील कुमार दे द्वारा रचित शिक्षा मुलक तथा प्रेरणा दायी पुस्तक सबूज सकाल का विमोचन 12 जनवरी 2026 को माताजी आश्रम हाता में विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस के शुभ अवसर पर किया जायेगा।सुनील कुमार दे द्वारा लिखित यह 35 वाँ पुस्तक है। इसके पूर्व उन्होंने बांग्ला में 26 और हिन्दी में 8 पुस्तके लिख चुके है। किसी साहित्यकार का जीवन में 35 पुस्तके प्रकाशित होना एक गर्व की बात है।सबूज सकाल का अर्थ है हराभरा सबेरा। सबेरा को सबूज के साथ तुलना की गई है।लेखक ने पुस्तक के माध्यम से एक सुंदर,और हरे भरे समाज की कल्पना की है।वर्तमान मानव समाज सामाजिक विकृति की ओर जा रही है, लोगों के अंदर नैतिक पतन हो रहा है, मानविक मूल्यवधो का ह्रास हो रहा है, समाज में अश्लीलता, व्यभिचार,अनाचार और पापाचार बढ़ रहा है।इस बिषम परिस्थिति में मानव समाज को बचाने के लिए विभिन्न प्रेरणा दायी लेख के माध्यम से लेखक ने समाज को एक नई दिशा और प्रकाश देने का प्रयास किया है।साहित्य समाज का दर्पण है।सबूज सकाल पुस्तक में यह कथन की झलक मिलती है। उम्मीद है साहित्यकार सुनील कुमार दे द्वारा लिखी गई गद्य संकलन सबूज सकाल को पाठक काफ़ी पसंद करेंगे।

