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गिरिडीह में दो नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण

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गिरिडीह में दो नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण

गिरिडीह

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गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की नई दिशा – एक नई पहल आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर भाकपा (माओवादी) संगठन के एरिया कमेटी सदस्य शिवलाल हेम्ब्रम उर्फ शिवा (25 वर्ष) और उसकी पत्नी सरिता हांसदा उर्फ जर्नीला (19 वर्ष) ने शुक्रवार को गिरिडीह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण कार्यक्रम गिरिडीह पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित हुआ।

इस अवसर पर पुलिस उपमहानिरीक्षक (हजारीबाग रेंज) अमन कुमार, पुलिस अधीक्षक गिरिडीह, अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान), अनुमंडल पदाधिकारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। पुलिस अधिकारियों ने दोनों आत्मसमर्पित नक्सलियों का स्वागत किया और उन्हें झारखंड सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

शिवलाल हेम्ब्रम वर्ष 2017 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। उसे कुख्यात नक्सली नेता नूतनद महतो ने संगठन में लाया था। संगठन में रहते हुए शिवलाल हथियार चलाने और कैडरों को ट्रेनिंग देने का काम करता था। वर्ष 2020 तक वह नूतनद महतो के कमांड के तहत सक्रिय रहा। 2020 में संगठन में आपसी मतभेद के कारण उसने नूतनद महतो का साथ छोड़ दिया और माओवादी संगठन के दूसरे गुट में शामिल हो गया।

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इसके बाद उसे बिहार क्षेत्र में तैनात किया गया। वर्ष 2022 में उसे भाकपा (माओवादी) का एरिया कमेटी सदस्य बनाया गया। इसी दौरान शिवलाल की शादी सरिता हांसदा उर्फ जर्नीला से हुई। सरिता भी संगठन में सक्रिय सदस्य थी और गिरिडीह तथा आसपास के इलाकों में नक्सली गतिविधियों में शामिल रही। दोनों पर झारखंड व बिहार में नक्सल हिंसा, हत्या, पुलिस मुठभेड़, विस्फोट, आगजनी व उगाही से जुड़े कई गंभीर मामले दर्ज हैं।

शिवलाल पर गिरिडीह, मधुबन, खुखरा, बिशुनपुर व चरकपानी थानों में 11 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। सरिता पर भी गिरिडीह व आसपास के थानों में 4 से अधिक मामले दर्ज हैं। दोनों ने बताया कि लंबे समय तक जंगलों में रहने और लगातार पुलिस के दबाव व भागदौड़ भरे जीवन से वे थक चुके थे। पुलिस के अभियान और झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उन्होंने संगठन छोड़ने का निर्णय लिया।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गिरिडीह पुलिस की लगातार वार्ता और नई दिशा – एक नई पहल कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे पुनर्वास प्रयासों का परिणाम है कि दोनों ने आत्मसमर्पण किया। इससे अन्य नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लौटने की प्रेरणा मिलेगी। गिरिडीह पुलिस ने बाकी बचे नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करेगा, उसे झारखंड सरकार की पुनर्वास योजना के तहत आर्थिक और सामाजिक सहायता दी जाएगी।

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